Indian Railway IRCTC News: त्योहारी सीजन हो या छुट्टियों का दौर रेलवे की ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिलती है. खासकर यूपी और बिहार की ट्रेनों में टिकट की मारामारी हमेशा रहती है. जनवरी की शुरुआत से होली के लिए टिकट नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में अगर आप वेटिंग टिकट ले रहे हैं तो आपको ये जानकारी होनी चाहिए.
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Railway Ticket Code: नये साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति मनाया जा चुका है. अब लोग रंगो की मस्ती से भरी होली का इंतजार कर रहे हैं. इस त्योहार में जो लोग अपने मां-बाप के पास घर जाना चाहते हैं, उनकी यात्रा पर टिकट कंफर्म न होने का संकट मंडरा रहा है. खासकर यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेनों में तो कंफर्म टिकट के लिए जबरदस्त मारामारी है. कई ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट 250 के पार पहुंच गई है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि यह वेटिंग लिस्ट क्या है और यह कितने तरह का होता है?
Indian Railway Waiting Ticket कई तरह के वेटिंग टिकट
आपको बताते चलें कि इंडियन रेलवे एक ट्रेन के मूल (Source) स्टेशन से लेकर उसके गंतव्य (Destination) स्टेशन के बीच कई तरह के वेटिंग टिकट जारी करती है. इसमें GNWL, RLWL, PQWL, RLGN, RSWL जैसे कई तरह के वेटिंग टिकट शामिल हैं. इन वेटिंग टिकटों के मायने अलग होते हैं और इनके कंफर्म होने के चांस भी अलग तरीके से तय होते हैं.
समझ से परे था ये सवाल- कब कंफर्म होगा टिकट?
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपने किसी दोस्त के साथ सेम डेट पर जर्नी प्लान की हो और आप दोनों की टिकट वेटिंग में हो और ऐन मौके पर उसकी टिकट कंफर्म हो गई हो और आपकी न हुई हो. ऐसी चीजों की जानकारी अक्सर बोगी में मुसाफिरों के बीच होने वाली चर्चा में मिलती है. इस सवाल का जवाब इन अलग-अलग तरह की वेटिंग टिकेट (GNWL, RLWL, PQWL, RLGN, RSWL) से जुड़ा है. इन सभी वेटिंग टिकट के मायने अलग होते हैं और आपसी सीट कंफर्म होने के चांस भी इसी से तय होते हैं.
GNWL टिकट: जनरल वेटिंग 'टिकट. ये वेटिंग टिकट उस वक्त जारी किया जाता है जब आप किसी ट्रेन के सोर्स स्टेशन से यात्रा शुरू कर रहे होते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई ट्रेन मुंबई से से चलकर दिल्ली आती है तो उसमें मुंबई से टिकट लेने पर आपको जनरल वेटिंग लिस्ट मिलेगा. इसी टिकट को आप अगर रूट में पड़ने वाले किसी और स्टेशन से लेते हैं तो आपको जनरल वेटिंग टिकट नहीं मिलेगा. ये सबसे कॉमन वेटिंग टिकट होती है जिसके कंफर्म होने का चांस सबसे ज्यादा होता है. क्योंकि जहां से ट्रेन चलती है वहां उसमें ज्यादा बर्थ मौजूद होते हैं, इसलिए टिकट कंफर्म होने का चांस भी ज्यादा हो जाता है. तो जब भी आप इस तरह से कोई टिकट लें तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपको जनरल वेटिंग टिकट लेना है या कोई अन्य.
RLWL टिकट: RLWL यानी रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट. ये वेटिंग लिस्ट ट्रेन के शुरू और गंतव्य स्टेशन के बीच के स्टेशनों से जारी होती है. जैसे हावड़ा से दिल्ली की ट्रेन में अगर कोई व्यक्ति कानपुर से टिकट लेता है तो उसे RLWL वेटिंग टिकट मिलेगा. ये स्टेशन ट्रेन के पूरे रूट में पड़ने वाले अहम शहर होते हैं. इस तरह के वेटिंग लिस्ट के कंफर्म होने के चांस GNWL की तुलना में कम होते हैं क्योंकि इसके लिए कोई कोटा नहीं होता. बल्कि उक्त स्टेशनों के बीच कंफर्म टिकटों के कैंसिल होने पर इसे कंफर्म किया जाता है.
PQWL टिकट: यानी पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट. यह टिकट ट्रेन रूट के बीच छोटे स्टेशनों से वेटिंग टिकट लेने पर मिलता है. इस वेटिंग टिकट के भी कंफर्म होने का चांस काफी कम रहता है.
TQWL टिकट: तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट यानी जब आप तत्काल टिकट बुक कराते हैं और आपको कंफर्म टिकट नहीं मिलता है तो रेलवे इस तरह का वेटिंग टिकट जारी करता है. इसके भी कंफर्म होने के चांस बहुत कम होते हैं. क्योंकि इसके लिए रेलवे के पास कोई कोटा नहीं होता.
रेलवे मुख्यत: इन्हीं 4 तरह के वेटिंग टिकट जारी करता है. इसके अलावा कुछ और वेटिंग टिकट भी जारी किए जाते हैं. लेकिन उनके कोई खास मायने नहीं होते.
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