राजपूताना का असल इतिहास एक बार फिर नए सिरे से तैयार किया जाएगा. इसे लेकर श्री क्षत्रिय प्रतिभा विकास और शोध संस्थान ने कदम उठाया है.
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Ajmer: देश में राजपूताना की इतिहास मुगल आक्रमणकारियों और बाद में सियासी फायदे के लिए वामपंथी इतिहासकारों ने भ्रांति पूर्ण बनाने की कोशिश की है. लेकिन अब समय आ गया है कि देश को राजपूताने के वास्तविक इतिहास से रूबरू करवाया जाए. इसके लिए अजमेर में राजपूत समाज की संस्था श्री क्षत्रिय प्रतिभा विकास और शोध संस्थान ने इतिहास की त्रुटियों को सुधारने का निर्णय लिया है.
संस्थान की ओर से इसके लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन किया जाएगा. जिसमें शोध के बाद उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर इतिहास की वास्तविकता को देश के सामने रखने का काम किया जाएगा. यह फैसला आज श्री क्षत्रिय प्रतिभा विकास और शोध संस्थान के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर आयोजित परिसंवाद कार्यक्रम में लिया गया. राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ के मुख्य अतिथि और विख्यात साहित्यकार कल्याण सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में कई जाने-माने इतिहासकार साहित्यकार और पत्रकारों ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में स्थित ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां राजपूत समाज के कई इतिहासकार, लेखक, पत्रकार और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. 20 साल पहले श्री प्रतिभा विकास और शोध संस्थान का उद्घाटन किया गया था और इस बीच कई बार प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया. लेकिन इस बीच शोध को लेकर कोई खास चर्चा नहीं हो पाई. इसी बात को ध्यान में रखते हुए संस्थान के नए जिलाध्यक्ष अजय सिंह राठौड़ और सचिव मूल सिंह और उनकी कार्यकारिणी की ओर से शोध का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है.
इसी को लेकर आज यह संवाद आयोजित किया गया. जिसमें अलग-अलग विद्वान लोगों ने समाज की विभिन्न ऐतिहासिक जानकारियां सभी के बीच में रखी. साथ ही इसका किस तरह से संकलन किया जा सके और उसे सभी के सामने लाया जा सके. इस पर भी चर्चा की गई. इस मौके पर आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन शिव सिंह राठौड़ और राजस्थानी भाषा में इतिहास के जानकार प्रोफेसर कल्याण सिंह शेखावत, पूर्व कुलपति लोकेंद्र शेखावत के साथ ही करीब 25 पदाधिकारी मौजूद रहे. जिन्होंने अपने विचार इस मौके पर सामने रखें और कई जानकारियां साझा की. इससे इस शोध से निकले श्रेष्ठ जानकारियों को संकलित (compiled) कर एक नया इतिहास एकत्रित किया जा सके.
Reporter- Ashok Singh Bhati
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