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अजमेर: विदेशी निवेश लाने वाले एक मात्र सतगुरु इंटरनेशल ग्रुप दुबई ने अजमेर नगर निगम के अधिकारीयों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि इन अधिकारीयों द्वारा उनके निवेश को विवादित बनाने के प्रयास नहीं रोके गए तो अजमेर में उनके द्वारा किए जाने वाले 1055 करोड़ रुपये सहित उनके एसोसिएट निवेशकों के पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश एम् ओ यु निरस्त कर दिए जायेंगे.
यह चेतावनी प्रेस वार्ता में सतगुरु ग्रुप के वाइस प्रसीडेंट राजा डी थारवानी ने दी. सतगुरु ग्रुप की ओर से आरोप लगाया गया कि अजमेर नगर निगम के अधिकारी कुछ लोगों के साथ मिलकर उनकी सिविल लाइंस स्थित एक संपत्ति को विवादित करार दे रहे हैं. इसके लिए बाकायदा लोगों को उनकी संपत्ति के दस्तावेज अवैधानिक रूप से उपलब्ध करवाए जाते हैं और बाद में विभिन्न मीडिया माध्यमों से उसे सरकारी संपत्ति करार दिया जाता है, जबकि इस संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज जो विगत 100 वर्षों से अस्तित्व में है उनके पास मौजूद हैं.बावजूद इसके कि इन दस्तावेजों की जानकारी अजमेर संभाग के आयुक्त अजमेर जिला कलेक्टर और अजमेर नगर निगम के तमाम अधिकारियों को सत्यापित प्रति के रूप में सौंप दी गई.
उसके बाद भी एक या दो बार नहीं 4 बार जांच के नाम पर कमेटियों का गठन किया गया और उन्हें हैरान व परेशान किया गया आश्चर्यजनक रूप से इस पूरे मामले में चार बार दस्तावेज सौंपे जाने के बाद भी अब अजमेर नगर निगम पुलिस में संबंधित मामले की फाइल चोरी होने की शिकायतें दर्ज करवा रहा है सद्गुरु ग्रुप की ओर से लगातार हो रही इस कार्रवाई के विरोध में आप अपने सभी एम ओ यू निरस्त करने पर भी विचार किया जा रहा है जो लगभग 1055 करोड रुपए के हैं.
वही सद्गुरु ग्रुप के साथ एसोसिएट अन्य विदेशी निवेशक भी लगभग ₹4000 करोड रुपए के निवेश निरस्त करने का मानस बना चुका है सद्गुरु ग्रुप का आरोप मुख्यमंत्री के निवेश लाने के प्रयासों पर अजमेर नगर निगम लगा रहा है बट्टा सतगुरु ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट राजा डी थारवानी ने आरोप लगाया कि एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए विदेशी निवेशकों को आमंत्रित कर रहे हैं , लेकिन अजमेर नगर निगम में बैठे हुए अधिकारी उनके इस प्रयास को निष्फल करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. उन्होंने इस बात का हवाला दिया कि देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री सद्गुरु ग्रुप के संपर्क में हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि यह ग्रुप उनके राज्यों में निवेश करें , लेकिन क्योंकि इस ग्रुप के सदस्य अधिकांशतः अजमेर के मूल निवासी हैं इसलिए उनका पहला दायित्व अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने का है थारवानी के अनुसार इस ग्रुप द्वारा अभी तक अजमेर में जो भी प्रोजेक्ट लाए गए हैं. उनमें करीब एक हजार स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया गया है आने वाले प्रोजेक्ट में भी अजमेर के हजारों युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाना है, लेकिन जिस तरह की कार्यशैली अजमेर नगर निगम की है उसके चलते अब उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं और वह अपना निवेश अजमेर में नहीं करने का मानस बना रहे हैं.
अजमेर नगर निगम अधिकारियों की सफाई नहीं किया जा रहा परेशान इस पूरे मामले में अजमेर नगर निगम के राजस्व अधिकारी पवन मीणा से संपर्क किया गया . उन्होंने विदेशी निवेशकों को किसी भी तरह से परेशान किए जाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है मीणा ने कहा कि इस मामले में पार्षदों की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई है और जांच के दौरान ही यह पता चला कि संबंधित मामले की पत्रावली नगर निगम से चोरी हो गई है जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई है जो नियमानुसार है पार्षदों द्वारा शिकायत किए जाने पर जांच का प्रावधान है और उसी आधार पर यह जांच प्रस्तावित की गई है जिसमें सतगुरु ग्रुप को नगर निगम का सहयोग करना चाहिए.