इसके तहत सभी पुलिस थाना क्षेत्रों के पुलिस अधीक्षक की निगरानी में सुरक्षा सखी समूह गठित किए जा रहे हैं. इन समूह में सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं को शामिल किया जा रहा है, पुलिस उपाधीक्षक और थाना अधिकारियों के साथ समूह की नियमित तौर पर बैठक होगी, जो महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने में मदद करेगी.
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Nasirabad : महिलाओं और लड़कियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए पुलिस जिले में शुरु करने जा रही सुरक्षा सखी योजना. बता दें कि जिले की सिटी पुलिस थाना के पुलिस उपाधीक्षक पूनम भरगड, थानाधिकारी भंवर सिंह और महिला कांस्टेबल प्रमिला ने इस योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है कि इस योजना में कौन- कौन सी और कितनी महिलाएं और लड़कियां शामिल हो सकती है.
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इस विषय पर बात करते हुए नसीराबाद वृताधिकारी पूनम ने कहा कि महिलाओं, लड़कियों की सुरक्षा, और उनके अधिकारों और कानून के प्रति जागरूक करने के साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के संबंध में स्थानीय पुलिस से संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से थाने ने इस समूह का गठन किया गया है जिसकी सदस्यता का अभियान जारी है. इसमें कोई भी इच्छुक महिला और लड़की शामिल हो सकती है. इस विषय पर पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर का मानना है कि सुरक्षा सखी समूह महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में लगाम लगाने के काम में उनकी मदद करेगा. और पुलिस के लिए यह आंख और कान का काम करेगी.
गौरतलब है कि, राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने प्रदेशभर में ‘सुरक्षा सखी समूह’ योजना लागू की है. इसके तहत सभी पुलिस थाना क्षेत्रों के पुलिस अधीक्षक की निगरानी में सुरक्षा सखी समूह गठित किए जा रहे हैं. इन समूह में सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं को शामिल किया जा रहा है, पुलिस उपाधीक्षक और थाना अधिकारियों के साथ समूह की नियमित तौर पर बैठक होगी, जो महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने में मदद करेगी.
महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के साथ ही उन्हें अपने अधिकारों व कानून के प्रति जागरूक करने के लिए समूह की सदस्य गली- मोहल्लों में जाकर महिलाओं के साथ बैठक करेंगी. उन्हें बताएंगी कि यदि किसी भी तरह की समस्या है तो वह सुरक्षा सखी के जरिए पुलिस की मदद ले सकती है. जैसे यदि किसी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है , टेलीफोन करके परेशान कर रहा है या फिर कोई उनका पीछा करने आदि मामलों में वह सुरक्षा सखी की मदद ले सकती है. इसके अतिरिक्त महिला घरेलू हिंसा के प्रति भी इस समूह की मदद ले सकती है.
सुरक्षा समूह में शामिल होने वाली सुरक्षा सखियों को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे जिले की महिलाओं मेंआत्मविश्वास पैदा हो. डीवाईएसपी पूनम ने बताया कि यह सखियां महिलाओं औऱ लड़कियों को उन्हें सुरक्षा और कानून के प्रति जागरूक करेंगी. उनकी समस्याओं के संबंध में स्थानीय पुलिस से संवाद स्थापित करेंगी. जिसमें कोई भी इच्छुक महिला व बालिका शामिल हो सकती है. लेकिन सुरक्षा सखी के सदस्यों का आपराधिक रिकाॅर्ड नहीं होना चाहिए। सुरक्षा सखी के सदस्य संबंधित थाना क्षेत्र के निवासी होंगे. सुरक्षा सखी की आयु सीमा 15 साल से लेकर 70 साल के बीच होगी.
Reporter:Ashok Bhati