Bansur: नारायणपुर भले ही राज्य सरकार ने विद्यालयों को क्रमोन्नत किया है और आदर्श स्कूलों का दर्जा भी दिया और 6 से 14 साल के बालक-बालिकाओं को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार भी मिल चुका है, लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में कई खामियां है.
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Bansur: नारायणपुर भले ही राज्य सरकार ने विद्यालयों को क्रमोन्नत किया है और आदर्श स्कूलों का दर्जा भी दिया और 6 से 14 साल के बालक-बालिकाओं को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार भी मिल चुका है, लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में कई खामियां है.
क्षेत्र की ग्राम पंचायत खरकड़ी कलां स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता, राजनीति विज्ञान, वरिष्ठ अध्यापक, अंग्रेजी और गणित अध्यापकों के पद खाली है और एक पद वरिष्ठ लिपिक में खाली है. यहां पर अभी 263 विद्यार्थी अध्ययनरत है. जिनमें 165 बालिकाएं और 98 बालक हैं, सबसे ज्यादा नामांकन यहां बालिकाओं का है. आज करवा चौथ व्रत होने के बाद भी बालिकाएं अपने हक की लड़ाई में पीछे नहीं हटी और आखिरी उनको तीन शिक्षक मिल गए.
तीन घंटे की मशक्कत के बाद अभी प्रवेश सत्र शुरू होने के चार महिने बीतने को हो गए हैं, इसलिए विद्यार्थी शिक्षकों की कमी होने को लेकर करीब सौ विद्यार्थियों ने टीसी कटाकर निजी स्कूलों में दाखिला ले लिया है, लेकिन ऐसे हालात में विद्यार्थी क्या बढ़ पाएंगे. पहले ही शिक्षकों के पद खाली है, जबकि यह विद्यालय नोडल विद्यालय की श्रेणी में आता है, लेकिन विद्यालय प्रशासन ने इसकी सूचना शिक्षा विभाग की साईड पर और लिखित में देने के बावजूद यह हालात है.
खरकड़ी कलां पंचायत समिति सदस्य संतोष सैनी, रतनलाल शक्करवाल, उपसरपंच जगदीश चावड, हंसराज गुर्जर ने भी शिक्षा विभाग को स्कूल में अध्यापकों की कमी को लेकर कई बार अवगत करा दिया गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने पर ग्रामीणों और बच्चों ने स्कूल गेट पर तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया. उसके बाद थानागाजी से अतिरिक्त शिक्षा अधिकारी रामेश्वर दयाल नारायणपुर, तहसीलदार ओमप्रकाश लखेरा, नारायणपुर पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचे.
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ग्रामीणों ने मुख्य तीन विषयों के अध्यापकों को तुरंत लगाने की मांग रखी, जब ताला खोलने को कहा गया और उसके बाद एसीबीईईओ ने राजनीतिक विज्ञान, अंग्रेजी, गणित के तीन अध्यापकों को प्रतिनियुक्ति पर लगाने के आदेश दिए जाने के बाद स्कूल गेट का ताला खोला गया. स्कूल गेट पर तालाबंदी करीब तीन घंटे तक चली. बच्चें और अभिभावक गेट के बाहर बैठे धरना प्रदर्शन करते रहे. प्रतिनियुक्ति आदेश के बाद धरना-प्रदर्शन समाप्त करवाया गया.
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