Alwar News: अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व के दो युवा बाघ इन दिनों जंगल से बाहर घूम रहे हैं. इनमें से एक बाघ St24 पिछले 2 साल से सरिस्का से सटे जयपुर के जमवारामगढ़ जंगल में है. वहीं दूसरा बाघ St2023 सरिस्का के बाला किला बफर जोन में रहता था. बाघ St2023 अपने पिता St18 से डरकर हरियाणा के झाबुआ के जंगलों में चला गया है.
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Alwar News: राजस्थान में अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व के दो युवा बाघ इन दिनों जंगल से बाहर घूम रहे हैं. इनमें से एक बाघ St24 पिछले 2 साल से सरिस्का से सटे जयपुर के जमवारामगढ़ जंगल में है. बाघ St24 ने कई बार सरिस्का लौटने की कोशिश की, लेकिन हाईवे पर तेज रफ्तार गाड़ियों की आवाज के चलते वह वापस नहीं लौट पा रहा है.
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बाघ St24 के पगमार्क हाईवे के फ्लाईओवर तक मिलते हैं, लेकिन गाड़ियों के शोर के कारण वह इसे पार करने से डर रहा है और जमवारामगढ़ के घने जंगल में ही ठहर गया है. जमवारामगढ़ के जंगल में उसे भोजन और पानी की कोई कमी नहीं है.
वहीं दूसरा बाघ St2023 सरिस्का के बाला किला बफर जोन में रहता था. बाघ St2023 अपने पिता St18 से डरकर हरियाणा के झाबुआ के जंगलों में चला गया है. यह युवा बाघ पहले भी एक बार हरियाणा पहुंचा था और फिर वापस अलवर लौट आया था. इस बार फिर वह झाबुआ के खेतों में घूम रहा है और उसे ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का लाने की प्रक्रिया जारी है.
वन विभाग बाघों को टाइगर रिजर्व में लाने में जुटा हुआ है. सरिस्का के CCF संग्राम सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम दोनों बाघों की हर गतिविधि पर नजर बनाई हुई है. जमवारामगढ़ के जंगल में घूम रहा बाघ St24 सुरक्षित है. CCF संग्राम सिंह ने ये भी कहा कि झाबुआ पहुंचे बाघ St2023 को जल्द ही ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का वापस लाने की कोशिश जारी है.
आपको बता दें कि सरिस्का में अभी तक कुल बाघ एवं शावक की संख्या 43 है. सरिस्का में बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए सरिस्का प्रशासन की तरफ से बाघ संरक्षण प्लान तैयार कराया जा रहा है. इस प्लान में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा करने पर सरिस्का ने जोर दिया है.