Alwar: अलवर के रणथंभौर की युवा बाघिन टी-134 की दहाड़ अब सरिस्का में सुनाई देगी. गुरुवार रात 8 बजे बाघिन सरिस्का पहुंच गई है, रणथंभौर से बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके सरिस्का लाया गया. युवा बाघिन के सरिस्का में आने के बाद सरिस्का में बाघों का कुनबा 28 हो गया. बाघिन का नया नाम st30 रखा गया है.
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Alwar: अलवर के सरिस्का में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है, रणथंभौर में बढ़ती बाघों की संख्या को देखते हुए वहां से बाघों को सरिस्का में शिफ्ट किया जा रहा है. कुछ समय पहले एक युवा बाघ T 114 को सरिस्का में शिफ्ट किया गया था. तो अब एक युवा बाघिन को रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट किया गया है.सरिस्का की टीम ने बाघिन रणथंबोर के जंगलों में ट्रेंकुलाइज किया. उसके रेडियो कॉल लगाया गया. उसके बाद सड़क मार्ग से बाघिन को लेकर टीम सरिस्का पहुंची.
कुछ दिनों तक उसे सरिस्का में बने नए एंक्लोजर पर रखा जाएगा. उसके बाद एंक्लोजर से जंगल में छोड़ा जाएगा.रणथंभौर की बाघिन T93 की युवा शावक T134 रणथंबोर क्षेत्र में टेरिटरी की तलाश कर रही थी.
इसकी उम्र करीब तीन साल से ज्यादा है. अभी तक यह बाघिन मां नहीं बनी है. इसमें किसी शावक को जन्म नहीं दिया है. इसलिए सरिस्का प्रशासन ने बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट करने का फैसला लिया है.
सरिस्का के अधिकारियों ने कहा बाघिन सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाएगी.सरिस्का में लंबे समय से बाघिन की जरूरत महसूस हो रही थी. दो बाघिन सरिस्का में शिफ्ट होनी है. एक बाघिन शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है.तो कुछ समय बाद एक और बाघिन को रणथंभौर से सरिस्का लाया जाएगा.सरिस्का में आने वाले पर्यटकों को बाघों की साइटिंग हो रही है. सरिस्का में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है.
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