बारां के किसानों में भारी मायूसी, किसानों को नहीं मिल रहा जिंसों का सही भाव
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बारां के किसानों में भारी मायूसी, किसानों को नहीं मिल रहा जिंसों का सही भाव

Baran News : बारां शहर स्थित कृषि उपजमंडी में करीब एक पखवाड़े से छिटपुट रूप से सरसों की आवक हो रही थी, जो अब बढ़कर दो हजार कट्टे तक जा पहुंची है. अब आने वाले दिनों में यह आवक कई गुना बढ़ जाएगी. 

बारां के किसानों में भारी मायूसी, किसानों को नहीं मिल रहा जिंसों का सही भाव

Baran News : बारां शहर स्थित कृषि उपजमंडी में नई सरसों की आवक होना शुरू हुई. लेकिन इस साल सरसों के भाव पिछले साल के मुकाबले एक हजार से 1500 रुपए प्रति क्विंटल कम मिलने से किसान निराश नजर आ रहे है. इधर व्यापारीयो द्वारा आगामी दिनों में मंडी में सरसों की बम्पर आवक होने का अनुमान लगाया जा रहा है. कृषि विभाग अधिकारियों के अनुसार जिले में इस वर्ष करीब 1 लाख 50 हजार हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है. मौसम अनुकूल रहने से किसानों को सरसों का बंपर उत्पादन मिलने का अनुमान है. ऐसे में इस बार मंडी में सरसों की आवक का रिकार्ड टूट सकता है. मंडी में सरसों के अलावा अन्य जिंस की भी आवक हो रही है. मंडी में करीब एक पखवाड़े से छिटपुट रूप से सरसों की आवक हो रही थी, जो अब बढ़कर दो हजार कट्टे तक जा पहुंची है. अब आने वाले दिनों में यह आवक कई गुना बढ़ जाएगी

किसान देवकरण मीणा ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सरसों के भाव में 1000 से 1500 रुपए कम भाव मिल रहा है. पिछले वर्ष जहां सरसों का भाव 6500 रु क्विंटल मिल रहा था वहीं इस वर्ष 5400 से 5500 रु का भाव मिल रहा है. गांव भूल खेड़ी से आए किसान बाबूलाल नागर ने बताया कि मंडी में पुरानी सरसों को लेकर आए हैं. जहां भाव 5000 रु मिल रहा है वही पिछले वर्ष यह भाव 6500 से 7000 रु के बीच मिल रहा था वहीं इस वर्ष किसानों को 1500 सौ से 1700 रु के बीच का नुकसान हो रहा है. वही इतना कम भाव मिलने से किसान को फसल की लागत तक नहीं मिल रही है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है.

मंडी व्यापरी हरीश विजय ने बताया की नमी वाली सरसों की आवक हो रही है. ऐसे में इसके भाव किसानों को कम मिल रहे हैं. अधिक नमी वाली सरसों 4500 से 4800 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है. कम नमी वाली सरसों 5000 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है. जबकि पिछले साल इस समय किसानों को सरसों के भाव 7000 रूप प्रति क्विंटल तक मिल रहे थें. जिससे किसानों को भाव कम मिलने से करीब 1500 रूपए प्रति क्विंटल तक का नुकसान हो रहा है. व्यापारी ने बताया कि फिलहाल तेल मिल संचालक अभी सरसों की खरीद में रुचि नहीं दिखा रहे, इससे किसानों को भाव कम मिल रहा है. आगामी दिनों में डिमांड बढऩे पर भाव भी बढ़ जाएंगे.

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