राजस्थान में बारां जिले के अंता में नेशनल हाइवे 27 पर रात्रि को कार और डंपर की भिड़ंत में आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनकी हालत गंभीर होने के चलते उन्हें कोटा रेफर किया गया.
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Anta, Baran News: बारां जिले के अंता में नेशनल हाइवे 27 पर रात्रि को कार और डंपर की भिड़ंत में आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनकी हालत गंभीर होने के चलते उन्हें कोटा रेफर किया गया.
पुलिस एएसआई राधेश्याम सुमन ने बताया कि बगली निवासी रामचंद्र सुमन अपने भाई तथा परिवार के साथ बड़वा में किसी कार्यक्रम में भाग लेकर कोटा जा रहे थे. रास्ते में नेशनल हाइवे 27 पर भगवान बोहरा कि बाउडी के पास डम्पर से भिड़ंत हो गईं, जिससे आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनमें 3 बच्चे शामिल हैं.
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घटना के बाद हाइवे पर लोगों की भीड़ जमा हो गईं. वहीं, घायलों को तुरंत अंता अस्पताल लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद सभी घायलो को कोटा रेफर कर दिया गया. दूसरी ओर घटना के बाद डंपर चालक फरार हो गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
Reporter- Ram Mehta
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Baran News: छबड़ा की बदहाल सड़कों पर पैचवर्क के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति, बजट की कमी के चलते रुका काम
Chhabra, Baran News: बारां के छबड़ा-छीपाबड़ौद क्षेत्र की बदहाल सड़कों की मरम्मत के लिए पिछले कुछ महीनों से पैच रिपेयर के नाम पर हो रही खानापूर्ति के बाद विभाग भले ही अपने काम कराने के दावों की ताल ठोक रहा है लेकिन हकीकत में हालात काफी बदतर नजर आ रहे हैं.
ऐसे में वाहन चालकों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सार्वजनिक निर्माण विभाग भी पैच रिपेयर कराने की इस खानापूर्ति को अपनी मजबूरी बताकर पल्ला झाड़ता नजर आता है क्योंकि विभाग का कहना है कि उनके क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ किलोमीटर सड़क तो इस कदर खराब है कि कहीं कहीं पर डामर के निशान नजर आते और उन सड़कों की स्थिति पैच रिपेयर कराने लायक नहीं है.
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि छबड़ा छीपाबड़ौद क्षेत्र में उनके अधीन लगभग 820 किलोमीटर सड़कें है. इनकी मरम्मत के लिए छह से सात करोड़ रुपये की आवश्यकता है जबकि बजट मिला मात्र 78 लाख का. इसमें भी चीफ इंजीनियर के आदेश के बाद खर्च करने पर रोक लगी हुई है क्योंकि यहां पर बाढ एवं आपदा राहत कोष से करीब साढ़े तीन करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जिससे क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके तहत जहां ज्यादा जरूरत है, वहां 60 हजार रुपए प्रति किमी की लागत से मरम्मत कार्य करवा रहे हैं जबकि वास्तविक आवश्यकता ढाई से तीन लाख रुपये प्रति किमी के हिसाब से होती है.