मूक बधिर दलित युवती के गैंगरेप की घटना का पर्दाफाश करना किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन पुलिस ने वह कर दिखाया CO शुभकरण के नेतृत्व में थानाधिकारी सुखराम बिश्नोई तकनीकी सेल में कार्यरत कांस्टेबल मोहनलाल की मामले में पर्दाफाश करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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Constable Mohanlal Important Role | Guramalani Gangrape News: बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र के धोरीमन्ना क्षेत्र में 24 नवंबर का दिन धोरीमन्ना पुलिस बाड़मेर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया. घर से बकरियां चराने गई मूक बधिर दलित युवती के साथ बोलेरो कैंपर गाड़ी में सवार होकर आए बदमाशों ने दरिंदगी कर डाली. एक बदमाश ने निगरानी रखी और दूसरे ने युवती के साथ दुष्कर्म किया. कुछ लोगों को आता देख गाड़ी के ड्राइवर ने होर्न बजाया और वन विभाग के एरिया से दीवार फांद कर आरोपी गाड़ी में आ बैठा और दोनों वहां से फरार हो गए. युवती लहूलुहान हालात में थी ऐसे में परिजनों को सूचना दी गई.
परिजन मौके पर पहुंचे और युवती को घर ले गए. तबीयत बिगड़ती देख धोरीमन्ना अस्पताल में भर्ती करवाया और पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस तुरंत प्रभाव से एक्शन में आई और चार टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. इधर पीड़िता का अस्पताल में इलाज चल रहा था. बाड़मेर एसपी दीपक भार्गव खुद धोरीमन्ना पहुंचे और पीड़िता से मुलाकात की. आधी रात को घटनास्थल का मौका मुआयना कर पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया. पीडिता का मेडिकल बोर्ड से मेडिकल करवाया गया सुबह डॉग स्क्वायड टीम सहित पुलिस एक्सपर्ट तकनीकी टीम को भी मौके पर बुलाया गया है.
घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए, साथ ही पुलिस की स्पेशल टीमों को भी अज्ञात बदमाशों का पता लगाने में जुटाया गया है. घटना को 24 घंटे बीत गए आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर थे. इस मामले में सियासत भी गरमाने लगी. बीजेपी ने मौका देखा और सियासत शुरू कर दी. पुलिस थाने के गेट के आगे भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में देर रात को धरना शुरू कर दिया.
सुबह पुलिस आश्वासन के बाद धरना स्थगित कर दिया गया मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी राजस्थान से पूरे मामले की 2 दिन में रिपोर्ट मांगी. 5 दिन बाद भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा. भीम आर्मी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया. आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. रैलिया निकालकर धोरीमन्ना बंद का भी आह्वान किया गया.
इस मामले को 2 हफ्ते बीत गए लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक खाली है. सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए लेकिन जिस गाड़ी से आरोपी फरार हुए उस गाड़ी का कोई सुराग नहीं लगा और ना पुलिस आरोपियों तक पहुंच पाई.
आखिरकार घटना के 17 दिन बाद डिप्टी शुभकरण, थानाधिकारी सुखराम विशनोई की टीम की द्वारा दिन-रात की हुई मेहनत रंग लाई और आरोपी पुलिस की पकड़ में आ गई. पुलिस ने पूछताछ की तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हो गया जिसके बाद बाड़मेर एसपी दीपक भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम का पर्दाफाश किया पुलिस ने आरोपियों को नामजद कर आरोपी सुनील पुत्र साजनराम निवासी कोजा, भजनलाल पुत्र हरिराम निवासी मिठड़ा को गिरफ्तार किया जिनसे पूछताछ की जा रही है.
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मूक बधिर दलित युवती के गैंगरेप की घटना का पर्दाफाश करना किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन पुलिस ने वह कर दिखाया CO शुभकरण के नेतृत्व में थानाधिकारी सुखराम बिश्नोई तकनीकी सेल में कार्यरत कांस्टेबल मोहनलाल की मामले में पर्दाफाश करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका रही पुलिस के सामने मामले का खुलासा करना बड़ी चुनौती थी. मामला मुकबधिर युवती के साथ दरिंदगी से जुड़ा था.
आरोपी नामजद नहीं होने के कारण उनकी पहचान करना एवं मुक बधिर पिड़िता द्वारा घटना के संबंध में बताई जाने वाली बात को समझ पाना पुलिस के लिए कठिन था. पुलिस के सामने कई कठिनाइयां सामने आई कांस्टेबल मोहनलाल ने DCRB प्रभारी महिपाल सिंह से समन्वय बनाकर 15 दिनों से धोरीमन्ना थाने में रहकर 18-18 घंटे कड़ी मेहनत कर करीब 8 से 9 हजार मोबाइल नंबरों की सीडीआर का विष्लेषण कर मामले में आरोपियों की कड़ी से कड़ी जोड़कर संदिग्ध लोगों को तस्दीक कर मामले की गुत्थी सुलझा व पिड़िता को न्याय दिलाने लिए कांस्टेबल मोहनलाल ने अहम भूमिका निभाई. पुर्व में भी थाना गुड़ामालानी में अज्ञात आरोपीयों को तकनीकी सहायता से चिन्हित कर प्रकरण का खुलासा करवाया गया.
पूरे घटनाक्रम का पर्दाफाश करने के लिए धोरीमन्ना थाने की पूरी टीम दिन रात मेहनत कर रही थी. क्योंकि युवती मूकबधिर थी कोई चश्मदीद गवाह नहीं होने व आरोपी अज्ञात होने के कारण बारीकी से अनुसंधान किया जा रहा था. जिसमें थानाधिकारी सुखराम बिश्नोई, डीसीआरबी प्रभारी महिपाल सिंह, तकनीकी सेल कांस्टेबल मोहनलाल, डीसीआरबी कांस्टेबल लुंबाराम, कांस्टेबल जगाराम, जयराम, जबराराम, ओम प्रकाश, महिला कांस्टेबल सीमा, ड्राइवर भंवरलाल, वृत्त कार्यालय चौहटन हेड कांस्टेबल सवाईराम का पूरे घटनाक्रम का खुलासा करने में विशेष सहयोग रहा.