Success Story : राजस्थान के बाड़मेर जिले के लखे का तला गांव की रहने वाली चतरू ने साबित कर दिया कि हुनर और मेहनत के दम पर हर बाधा पार की जा सकती है. 10वीं तक पढ़ी चतरू लकड़ी से अनोखे खिलौने और सजावटी सामान बनाकर न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रही हैं.
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Success Story : राजस्थान के बाड़मेर जिले के लखे का तला गांव की रहने वाली चतरू ने साबित कर दिया कि हुनर और मेहनत के दम पर हर बाधा पार की जा सकती है. 10वीं तक पढ़ी चतरू लकड़ी से अनोखे खिलौने और सजावटी सामान बनाकर न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रही हैं. उनके प्रोडक्ट्स अमेज़न पर खूब बिकते हैं, और वे हर महीने 1 लाख से ज्यादा की कमाई कर रही हैं.
लोकल से ग्लोबल तक का सफर
चतरू ने अपने काम की शुरुआत लोकल स्तर पर की, लेकिन जल्द ही उन्हें पता चला कि उनके प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन बेचा जा सकता है. अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म पर कदम रखने के बाद उनकी कमाई और लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. आज उनका सालाना टर्नओवर करीब 15 लाख रुपए है.
कलेक्टर टीना डाबी भी हुईं प्रभावित
हाल ही में राज्य सरकार की प्रदर्शनी में चतरू की स्टॉल ने सबका ध्यान खींचा. बाड़मेर की कलेक्टर टीना डाबी ने उनके काम की सराहना की और इसे महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बताया.
आत्मनिर्भरता की मिसाल
चतरू न केवल खुद आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि 5-7 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. लकड़ी से बने हिरण, तोता और अन्य पशु-पक्षी जैसे खिलौने और सजावटी सामान उनके ग्राहकों में बेहद लोकप्रिय हैं. बाड़मेर में चतरू अब महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं.
भविष्य की योजना
चतरू का सपना है कि वे अपनी कंपनी शुरू करें, जिससे और भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके. उनकी कहानी दिखाती है कि शिक्षा के साथ या बिना भी, मेहनत और कौशल से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है.