सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की सभी 6 इकाइयां बंद, थर्मल से जुड़े सैकड़ों उद्योग प्रभावित
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सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की सभी 6 इकाइयां बंद, थर्मल से जुड़े सैकड़ों उद्योग प्रभावित

इंटक के प्रदेश महामंत्री श्याम सुंदर शर्मा (Shyam Sundar Sharma) ने बताया कि सुरतगढ थर्मल पावर प्लांट का उपयोग जरनेटर की भांति किया जा रहा है. 

थर्मल पावर प्लांट की सभी 6 इकाइयां बंद

Sri Ganganagar: राजस्थान के सबसे बड़े सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट अब प्रशासनिक उदाशीनता और दुदर्शा का शिकार हो गया है. जिसके चलते आज सुरतगढ थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट की सभी 6 इकाइयां बंद पड़ी है, जिसके कारण प्रदेश में कभी भी बिजली संकट भी पैदा हो सकता है.

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सुधार और समयबद्ध रूप से चले प्लांट तो मिल सकता है हजारो लोगों को रोजगार
गौरतलब है कि सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट राजस्थान का सबसे बड़ा पावर प्लांट है जिससे अगर इसका सही और समयबद्ध रूप से चले तो इससे क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकता है और इस प्लांट से आसपास के हजारो लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. जिससे उनको भी रोजगार के अनेक अवसर प्राप्त हो सकते हैं और राज्य सरकार द्वारा हजारो सैकड़ों के मजदूरों को रोजगार और थर्मल प्लांट से जुड़े अनेक ऊधोग धंधों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल सकता है. गौरतलब है कि इस प्लांट से राजस्थान का सर्वाधिक विधुत उत्पादन होता है. इस कारण अगर प्लांट पुनः सुचारू रूप से चलता है तो ऊर्जा उत्पादन के मामले में राजस्थान नया आयाम छू सकता है.

पावर प्लांट को जरनेटर की तरह किया जा रहा है इस्तेमाल- प्रदेश महामंत्री इंटक श्यामसुंदर शर्मा
इंटक के प्रदेश महामंत्री श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि सुरतगढ थर्मल पावर प्लांट का उपयोग जरनेटर की भांति किया जा रहा है. जिससे जब निजी क्षेत्र का कोई भी पॉवर प्लांट बंद हो जाता है तो इस प्लांट को शुरू किया जाता है. इस दौरान जब निजी पावर प्लांट शूरु होते ही पुनः बंद कर दिया जाता है जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि होती है. इंटक के महामंत्री श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि पावर प्लांट के एक इकाई को एक बार शुरू करने के लिए करीब 40 से 60 लाख के फ्यूल की खपत होती है जिससे अगर एक दिन बाद भी इकाई को बंद करना पड़े तो राज्य सरकार को करोडो रुपये के राजस्व का नुकसान होता है. जिससे पावर प्लांट से होने वाला बिजली उत्पादन काफी महंगा पड़ता है.

राख और परिवहन से जुड़े व्यवसायी हुए प्रभावित, करोड़ों रुपये का नुकसान
गौरतलब है कि सभी इकाइयां पूरी तरह से शुरू होने पर थर्मल से लाखों मैट्रिक टन राख का उत्पादन होता था पर अब इसके बंद रहने से फ्लाई ऐश ब्रिक्स से जुड़े अधिकांश उद्योग इससे प्रभावित है. फ्लाई ऐश कारोबारी बृजलाल जांदू ने बताया कि सूरतगढ़ थर्मल के अधिकांश समय बंद रहने से फ्लाई ऐश उद्योग भी बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. जिससे उन लोगों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं सुरतगढ थर्मल से ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राकेश जोशी ने बताया कि थर्मल से निकलने वाली राख नही होने से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प हो चुका. इससे पहले जब प्लांट शुरू था. ट्रांसपोर्ट से जुड़े सेंकडों लोगों को रोजगार मिल रहा था पर अब प्लांट के अधिकांश समय बंद रहने से राखी का उत्पादन नहीं हो रहा है. जिससे यह व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है.

इकाइयों के बंद होने से रोजगार के अभाव में हजारो श्रमिक कर चुके पलायन
गौरतलब है कि सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट के सुचारू रूप से चलने के दौरान यंहा सेंकडों मजदूरों को जीवन यापन के साथ रोजगार भी मिल रहा था पर पिछले कुछ समय से पावर प्लांट सही और समयबद्ध रूप से सुचारू नही होने के कारण यंहा रहने वाले सेंकडों मजदूर पलायन कर चुके हैं.

Reporter: Kuldeep Goyal

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