Year Ender 2024: कोटा में छात्रों की आत्महत्या, जयपुर-अजमेर गैस ब्लास्ट से लेकर राजस्थान की राजनीति, बहुत कुछ दे गया साल 2024, यहां देखें क खट्टे-मीठे पल
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Year Ender 2024: कोटा में छात्रों की आत्महत्या, जयपुर-अजमेर गैस ब्लास्ट से लेकर राजस्थान की राजनीति, बहुत कुछ दे गया साल 2024, यहां देखें क खट्टे-मीठे पल

Year Ender 2024: वर्ष 2024 के अंतिम दिनों में पहुंचने के साथ ही, हम इस साल की प्रमुख घटनाओं को याद कर रहे हैं. यह साल कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा रहा, जिन्होंने देश और दुनिया को प्रभावित किया. इस खबर में, हम आपको इस साल की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं का संक्षिप्त विवरण प्रदान करेंगे, जो आपको इस साल की याद ताजा करेंगी.

 

Year Ender 2024: कोटा में छात्रों की आत्महत्या, जयपुर-अजमेर गैस ब्लास्ट से लेकर राजस्थान की राजनीति, बहुत कुछ दे गया साल 2024, यहां देखें क खट्टे-मीठे पल
Year Ender 2024: साल 2024 राजस्थान के लिए राजनीतिक और सामाजिक उतार-चढ़ाव से भरा रहा. इस साल राज्य में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं, जिन्होंने राजस्थान को सुर्खियों में रखा. भाजपा के भजनलाल शर्मा की नेतृत्व वाली सरकार और कांग्रेस की वापसी ने राजनीतिक माहौल को गरमाया रखा. इसके अलावा, पेपर लीक मामले, उपचुनावों में उथल-पुथल, कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मुद्दे, और जयपुर-अजमेर हाईवे जैसी बड़ी दुर्घटनाओं ने राज्य को सुर्खियों में रखा. इन घटनाओं ने राजस्थान के नागरिकों को कई चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूर किया.
 
जनवरी 2025 आने में सिर्फ एक दिन ही बाकी रह गया है. जैसा कि आप जानते हिं साल 2024 राजस्थान के लिए अच्छा और बुरा दोनों ही रहा है. राजनीति ह या फिर खेल, पढ़ाई हो या फिर हादसे यह साल प्रदेश के लिए मिला-जुला सा गुजरा है. राजस्थान में साल 2024 की शुरुआत में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं. कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों ने देश का ध्यान खींचा, तो वहीं कम अनुभव वेक भजनलाल शर्मा को सीएम बनाने के बाद राजस्थान के विकास की जिम्मेदारी देना काफी आशंकाएं से भरा रहा. राजस्थान की जनता का कहना था कि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री न बनाना प्रदेश के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है? आइए विस्तार से जानते हैं प्रदेश के लिए कैसा रहा साल 2024...

 
 
चुनावों में पराजित कांग्रेस... 
नवंबर 2023 में विधानसभा चुनावों में पराजित होने के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में शानदार वापसी की. पार्टी ने 25 में से 8 सीटें जीतीं और अंदरूनी कलह की चर्चाओं पर विराम लगा दिया. इससे यह साबित हुआ कि कांग्रेस अभी भी एक मजबूत राजनीतिक दल है और आने वाले चुनावों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में भाजपा ने राजस्थान में उपचुनावों में शानदार प्रदर्शन किया, 7 में से 5 सीटें जीतीं. इसके अलावा, उनकी सरकार ने पेपर लीक मामले में सख्त कार्रवाई की, जिससे उनकी सरकार की सख्ती और पारदर्शिता की प्रतिबद्धता का पता चलता है.
 
2014 के बाद कांग्रेस ने पहली बार जीता लोकसभा सीट
कांग्रेस ने साल 2014 के बाद पहली बार लोकसभा सीट जीती, लेकिन भाजपा को उम्मीद से कम 14 सीटें ही मिलीं. इसके अलावा, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सहयोगी आरएलपी ने इंडिया ब्लॉक के तहत कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. राजस्थान में 2024 में कई दुर्घटनाएं और त्रासदियां हुईं, जिनमें से सबसे घातक जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई. 20 दिसंबर को एलपीजी टैंकर और ट्रक की टक्कर में भीषण आग लग गई, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई और 39 वाहन जलकर खाक हो गए.

 
राजस्थान के 9 जिलों का पत्ता साफ
राजस्थान में शर्मा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 9 जिलों और 3 संभागों को खत्म करने का निर्णय लिया है. यह फैसला 28 दिसंबर को हुई साल की आखिरी मंत्रिमंडलीय बैठक में लिया गया था. सरकार का मानना है कि ये जिले और संभाग न तो 'व्यावहारिक' थे और न ही 'सार्वजनिक हित' में थे. इस फैसले के बाद, राज्य में अब केवल सात संभाग और 41 जिले ही रहेंगे. हालांकि, इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है, कांग्रेस समेत अन्य संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
 
राजस्थान की राजनीति बड़े उतार-चढ़ाव
राजस्थान की राजनीति में साल 2024 कई उतार-चढ़ाव का गवाह बना. मई-जून में लोकसभा चुनाव में मिली हार ने भाजपा में एक छोटी सी बगावत को जन्म दिया, जिसमें कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार नहीं किया. इस बीच, पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सीपी जोशी की जगह राज्यसभा सांसद मदन राठौर को नियुक्त किया. किरोड़ी लाल मीणा कथित पेपर लीक को लेकर 2021 की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग उठा रहे थे. पार्टी ने नवंबर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में दौसा सीट से उनके भाई जगमोहन मीणा को मैदान में उतारकर उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वे चुनाव हार गए. 

 
उपचुनाव में एसडीएम को नरेश मीणा ने जड़ा थप्पड़
इसके अलावा, टोंक-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप में एक उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद वहां हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं.
 
आसाराम बापू को तीन बार पैरोल 
आसाराम बापू को नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वह जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे थे, लेकिन हाल ही में उन्हें 17 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है. आसाराम को यह पैरोल इलाज और व्यक्तिगत कारणों से दी गई है, जिसमें 15 दिन इलाज के लिए और 2 दिन यात्रा के शामिल हैं. वह आईसीयू एंबुलेंस में महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गए हैं. इसके पहले भी आसाराम बापू को अदालत ने पैरोल दी है. आइए जानते हैं कब-कब और किसलिए आसाराम बापू को पैरोल दी गई है और इसकी क्या शर्तें थीं.

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