भारतीय किसान संघ के पद अधिकारी ने अपने नाम पर फर्जी स्टांप लगाकर फर्जी तरीके से लाखों रुपए का गबन किया.
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Lunkaransar: एक तरफ जहां बीमा कंपनियों पर आरोप लगाया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ आरोप लगाने वाले संगठन के पदाधिकारी ही उसी बीमे को फर्जी तरीके से उठाकर जब खाने जुटे हुए हैं. मामला लूणकरणसर तहसील के रामबाग ग्राम पंचायत का है. जहां पर किसानों के नाम पर लाखों का फसल बीमा उठाने का मामला सामने आया है.
बता दें कि बीमा उठाने वाले और कोई नहीं भारतीय किसान संघ के पद अधिकारी ही लिप्त बताए जा रहे है, किसानों की भीड़ इकट्ठा करके बीमा कंपनियों से बीमा दिलवाने की बात करने वाले संघ के अधिकारियों का इसमें लिप्त होने से भारतीय किसान संघ पर सवाल खड़े होने लगे है.
खरीफ 2021 के फसल बीमा से हुआ खुलासा
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को धीरे-धीरे पता लगने से एक साथ निकलवाये गए दस्तावेज (स्टांप) से कई खुलासे देखने को मिले. चक भवरिया में 1200 बीघा भूमि केशवानंद ग्रामोत्थान विद्यापीठ नामक संस्था के नाम से है उसी पर काश्तकार बताकर किसानसंघ के पदाधिकारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने नाम पर फर्जी स्टांप लगाकर फर्जी तरीके से लाखों का गबन तक कर लिया.
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खंगाला तो हुआ खुलासा
रामबाग के भरतनाथ और रणजीतसिंह के जब फसल बीमा क्लेम की बात सामने आई. तब गांव के लोगों ने इनके नाम के कागजात खंगाले तब उसमें बड़ा घोटाला निकलकर सामने आया, भरतनाथ के नाम 800 बीघा और रणजीतसिंह के नाम करीबन 600 से ज्यादा बीघा फ़सल बीमा 2021 में होना सामने आया.
वहीं इनके परिवार के काफी सदस्यों के नाम भी निकलकर सामने आये हैं, बता दें कि भरतनाथ और रणजीतसिंह दोनों भारतीय किसानसंघ के तहसील पदाधिकारी है. साथ ही बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, ग्रामीणों ने बताया कि अभी फसल के आधे ही पेपर हमें प्राप्त हुए है. जिसमें भारतीय किसानसंघ के पदाधिकारियों के साथ साथ ई मित्र संचालन करने वाले कि लिपित होने से और बड़े नाम जल्द निकलेंगे.
काश्तकार को नहीं थी भनक
केशवानंद ग्रामोत्थान विद्यापीठ संस्था की जमीन पर जाकर जब जी मीडिया संवाददाता ने हकीकत जानी तो कुछ और ही निकला काश्तकार पृथ्वीराज लगातार तीन साल से काश्तकार के तौर पर उस जमीन की बुवाई करते हैं. उन्होंने आज तक कोई बीमा नहीं करवाया, इस मामले पर पूछा गया तो पृथ्वीराज ने बताया कि फसल बीमा हमने आज तक एक बार भी नहीं करवाया.
अन्य राज्यों के लोगों के नाम से स्टांप भी लगाए
दिल्ली - मुम्बई जैसे राज्यों के लोगों के नाम से फर्जी स्टांप लगाकर बाहरी जमीनों पर भी उठाया गया क्लेम.
एक आईडी से जमा करवाया प्रीमियम.
एक सीएससी आईडी से 800 बीघा कृषि भूमि पर बीमा कंपनी को करीब सवा लाख रुपये का प्रीमियम जमा करवाया गया, जबकि बीमा करवाने वाले न भूमि मालिक है न ठेका कास्त करते है.
नोटेरी और स्टांप विक्रेता भी संदेह के घेरे में
वर्ष 2021 में इन लोगों ने लूणकरणसर तहसील क्षेत्र सहित पूगल क्षेत्र के जमीनों का फर्जी दस्तावेज लगाकर बीमा कर लिया था. इस फर्जीवाड़े में स्टांप भी भूमि मालिक के नाम का नहीं खरीद कर इन लोगों ने अपने नाम के ही खरीदें.
फर्जी तरीके से तैयार किए गए गवाह
स्टांप पर गवाह के तौर पर भी फर्जी सिग्नेचर करने का मामला सामने आया, जिससे लोगों में घबराहट नजर आई.
Reporter: Tribhuvan Ranga
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