राजस्थान में आम आदमी पार्टी के नेता का सचिन पायलट पर बड़ा बयान
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राजस्थान में आम आदमी पार्टी के नेता का सचिन पायलट पर बड़ा बयान

आम आदमी पार्टी चित्तौड़गढ़ के जिला कोर्डिनेटर अभियंता अनिल सुखवाल ने बड़ा बयान जारी कर राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है. 

आम आदमी पार्टी के नेता बड़ा बयान

Chittorgarh: आम आदमी पार्टी चित्तौड़गढ़ के जिला कोर्डिनेटर अभियंता अनिल सुखवाल ने बड़ा बयान जारी कर राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है. अभियंता अनिल सुखवाल ने कहा कि राज्यसभा चुनावों के लिए राजस्थान से कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों की घोषणा के साथ सचिन पायलट के लिए कांग्रेस में लगभग सभी संभावनाएं अब खत्म हो गई है जबकि इन उम्मीदवारों के साथ ही अशोक गहलोत की जड़ें 10 जनपथ में और मजबूत हो गई है.

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रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी तीनों गांधी परिवार के करीबी है. वासनिक और सुरजेवाला, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हमेशा समर्थक रहे हैं. जब भी गहलोत पर विपत्ति आती है तो दोनों उनकी रक्षा में खडे़ दिखते रहे हैं. दोनों की अपने राज्यों में राजनीतिक हैसियत यह है कि वासनिक लगातार दो बार विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में हार चुके हैं जबकि सुरजेवाला की तो हरियाणा में उपचुनाव में जमानत तक जब्त हो चुकी है. दोनों राज्यों में निकट भविष्य में कांग्रेस की सरकार लौटने या लोकसभा चुनाव में कामयाबी मिलने की उम्मीद नहीं है.

ऐसे में अशोक गहलोत के कारण दोनों का 6 साल के लिए राजनीतिक पुनर्वास निश्चित हो गया है. दोनों सोनिया गांधी के विश्वस्त हैं. ऐसे में अब राजस्थान में सचिन पायलट की कांग्रेस में कुछ पाने की संभावनाओं को गहरा झटका लगेगा. जाहिर है गांधी परिवार और उसके समर्थक अब राजस्थान में बदलाव की सोच भी नहीं सकते. गहलोत अब ना सिर्फ राजनीतिक रूप से बल्कि आर्थिक रूप से भी गांधी परिवार और उनके चहेतों को पाल पोस रहे हैं. वरना क्या ये संभव है कि सवा सौ विधायकों का समर्थन लिए बैठे गहलोत अगर चाहते तो कोई स्थानीय यानी राजस्थान का नेता राज्यसभा नहीं पहुंच पाता लेकिन अपने को मजबूत करने के लिए गहलोत ने राजस्थान के नेताओं की बलि चढ़ाना उचित समझा.

गहलोत ने यह साबित कर दिया है कि राजस्थान में वो अकेले ही खेलेंगे. उनके सामने कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं होगा लेकिन राजस्थान के नेताओं को भी सोचना कि कांग्रेस में उनकी क्या अहमियत है. क्या वे राज्यसभा में जाने लायक नहीं है. ऊपर से सुरजेवाला का बयान जले पर नमक छिड़कने जैसा है कि सोनिया गांधी ने उन तीनों को राजस्थान जैसे बहादुर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है तो क्या राजस्थान में कांग्रेस में सभी दब्बू और कायर नेता हैं. वहीं बीजेपी से बागी हुए घनश्याम तिवाड़ी को मैदान में उतारकर बीजेपी ने भी काम करने वाले सभी मजबूत नेताओं को दरकिनार करके साफ कर दिया. 

Report: Deepak Vyas

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