रोडवेज विभाग की अनदेखी का शिकार हो रहा डूंगरपुर रोडवेज डिपो.कोरोना के बाद डूंगरपुर रोडवेज डिपो की 69 बसों में से 16 बसे कंडम हो गई हैं, जिसके चलते 16 शेड्यूल कम हो गए.
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Dungarpur: प्रदेश के रोडवेज विभाग की अनदेखी का शिकार हो रहा डूंगरपुर रोडवेज डिपो, बसों की कमी बावजूद प्रतिमाह लक्ष्य से अधिक आय दें रहा है. जबकि डूंगरपुर रोडवेज डिपो में बसों की कमी के बाजवूद विभाग को प्रतिमाह मुनाफा दें रहा है, अगर डूंगरपुर डिपो को और बसें मिलती है, तो ये प्रदेश की रोडवेज की आय में बढ़ोतरी कर सकता है. वहीं डूंगरपुर डिपो में बसों की कमी के चलते कई शेड्यूल कम किये गए हैं, जिसके चलते यात्रियों को मजबूरी में निजी वाहनों में आवागमन करना पड़ रहा है.
जिले का रोडवेज डिपो एक मात्र एक ऐसा डिपो है जो विभाग की ओर से तय लक्ष्य से अधिक की आय प्रतिमाह अर्जित कर विभाग को दे रहा है, लेकिन उसके बावजूद डूंगरपुर रोडवेज डिपो रोडवेज विभाग की अधिकारियों की अनदेखी का शिकार बना हुआ है. डूंगरपुर रोडवेज डिपो में कोरोना से पहले 69 शेड्यूल चल रहें थे, इसके लिए 69 बसें मौजूद थी, लेकिन कोरोना के बाद डूंगरपुर रोडवेज डिपो की 69 बसों में से 16 बसे कंडम हो गई हैं, जिसके चलते 16 शेड्यूल कम हो गए. वही अब वर्तमान में डूंगरपुर रोडवेज डिपो के पास 53 बसें हैं, जो की 53 शेड्यूल पर चल रही हैं. इधर बसों की कमी के चलते रोडवेज डिपो को शेड्यूल में कमी करनी पड़ी और कई जगह तो रोडवेज की बसों का संचालन तक बंद हो गया है.
बस व शेड्यूल कम होने से यात्री परेशान
जिले में रोडवेज डिपो में बसों की कमी के चलते डूंगरपुर से इन्दौर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बांसवाडा, रतनपुर, फलासियां सहित 16 ऐसे रूट हैं, जहां पर शेड्यूल को कम किया गया है. इन स्थानों पर शेड्यूल कम होने से जहां रोडवेज की आय में तो कमी हो ही रही हैं, वहीं यात्रियों को परेशानी के साथ निजी वाहनों में मजबूरी में सफर करना पड़ रहा है. रोडवेज में बसों की कमी की चलते निजी बसें व जीप चालक इसका फायदा उठा रहें हैं और यात्रियों से डबल किराया वसूल रहें हैं.
डूंगरपुर जिले के रोडवेज डिपो के मुख्य प्रबंधक भंवर लाल जाट ने बताया की जिले के रोडवेज डिपो में सुचारू रूप से बसों का संचालन करने के लिए कुल 72 बस, 114 चालक व 104 परिचालकों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में 53 बसें, 90 चालक व 80 परिचालक उपलब्ध है, जिसके चलते काफी परेशानी आ रही है. उन्होंने बताया की सरकार को बसों के साथ चालक व परिचालकों की डिमांड भेज रखी है. रोडवेज डिपो में बसों की कमी के बावजूद अप्रैल से लेकर अगस्त तक जो भी लक्ष्य सरकार की ओर से मिला है, उसमे प्रतिमाह औसतन 4 से 5 फीसदी की अधिक आय डूंगरपुर डिपो को हो रही है. यदि सरकार की ओर से नई बसें, चालक व परिचालक मिलते हैं, तो डूंगरपुर और भी अधिक आय अर्जित कर सकता है.
Reporter - Akhilesh Sharma
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