आखिर नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व पीएम शास्त्री के माडल को क्यों बताया कारगर, कहा -आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी
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आखिर नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व पीएम शास्त्री के माडल को क्यों बताया कारगर, कहा -आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी

Jaipur: देश की राजधानी समेत देश भर में मौसम करवट बदल रहा है. बेमौसम बारिश से किसान समेत आम आदमी भी प्रभावित हो रहा है, ऐसे में बीते दिन दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के एग्रीकल्चर माडल की तारीफ करते हुए इसे कारगार बताया. साथ ही कहा देश कि आत्मनिर्भरता के लिए ये जरूरी है.

 

फाइल फोटो

Jaipur: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल को याद करते हुए उनके कृषि माडल की तारीफ की. कहा शास्त्री जी का ये माडल देश के किसानों के लिए जरूत है. प्रधानमंत्री आवास पर खेती करने की उनकी पहल व देश में खाद्यान्न संकट को देखते हुए देश में एक दिन के उपवास का आहवान ने भारतीय किसानों को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित किया.यह बात कृषि मंत्री तोमर ने  विक्रम नव संवत 2080 व विश्व जल दिवस के अवसर पर बीते दिन दिल्ली में कही. 

संकट में दिया एक कारगर नारा
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस दौरान कहा देश जब संकट के दौर से गुजर रहा था उस दौरान शास्त्री जी ने एक कारगर नारा देकर देश के जावानों और किसानों में एक नई ऊर्जा का संचार किया था. उनकी इस आह्वान पर पूरा देश उनके साथ खड़ा हो गया था.

उन्होंने कहा कि 1965 में खाद्यान्न संकट के चरम पर उन्होंने न केवल अपने सरकारी आवास पर खेती की, बल्कि 'जय जवान, जय किसान' के नारे के साथ देश के किसानों को खेत में जाने का आह्वान भी किया, ताकि एक देश के रूप में हम खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनें और कभी दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े.

इस बीच कृषि मंत्री श्री तोमर ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह की मौजूदगी में स्व. लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र और उनके नाती संजय नाथ सिंह द्वारा उनके जीवन पर लिखी गई एक पुस्तिका का भी अनावरण किया. 

इस अवसर पर धानुका समूह के अध्यक्ष आर.जी. अग्रवाल ने कहा कि “एक अनुमान के अनुसार, भारत में कृषि प्रयोजनों के लिए 70-80% पानी का उपयोग किया जाता है. सिंचाई तकनीक के बजाय ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को बढ़ावा देने की अत्यधिक आवश्यकता है.

जल संरक्षण के लिए समूह ने राजस्थान के सीकर जिले के जुगलपुरा, देवीपुरा और जयपुर जिले के मैनपुर की धानी और संकोत्रा को चुना है. जहां पानी रोकने के लिए बांध बनवाए गए हैं.ताकि वर्षा जल का संरक्षण हो सके.

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