शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना ले रही अंतिम सांसें ! तीन सालों से नहीं हुआ लैपटॉप वितरण
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शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना ले रही अंतिम सांसें ! तीन सालों से नहीं हुआ लैपटॉप वितरण

कोरोना की इस वैश्विक महामारी ने सबसे ज्यादा असर डाला है प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर. पिछले करीब डेढ़ साल से स्कूलों पर ताले लटक रहे हैं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur : कोरोना की इस वैश्विक महामारी ने सबसे ज्यादा असर डाला है प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर. पिछले करीब डेढ़ साल से स्कूलों पर ताले लटक रहे हैं. विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई पर पूरी तरह से निर्भर हैं, लेकिन ये ऑनलाइन पढ़ाई भी दूर-दराज स्थित गांवों तक नहीं पहुंच पा रही है और इसी समस्या में कोढ़ में खाज का काम कर रही है शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी लैपटॉप वितरण योजना. राजस्थान में सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और डिजीटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई लैपटॉप वितरण योजना (Laptop distribution) पिछले तीन सालों से ठंडे बस्ते में पड़ी है.

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राजस्थान (Rajasthan News) में सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने साथ ही डिजीटल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश की सरकारी स्कूलों के होनहार विद्यार्थियों को निशुल्क लैपटॉप वितरण की योजना शुरू की गई. योजना के अंतर्गत 8वीं,10वीं और 12वीं कक्षा में राज्य स्तर पर 75 फीसदी से ज्यादा अंत प्राप्त करने वाले होनहार विद्यार्थी और जिला स्तर पर 70 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले होनहार विद्यार्थियों को निशुल्क लेपटॉप वितरण को शामिल किया गया, लेकिन पिछले तीन सालों से एक भई लैपटॉप का वितरण नहीं हो पाया है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन क्लास के पहिये मानो पिछले डेढ़ सालों में थम से गए हैं.

शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना ले रही अंतिम सांसें !
होनहार विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण दम तोड़ती आ रही नजर
पिछले तीन सालों से होनहार विद्यार्थियों को नहीं हुआ लैपटॉप वितरण
हर साल 27 हजार 900 लैपटॉप वितरण की है योजना
राज्य स्तर पर कक्षा 8वीं,10वीं,12वीं में 6-6 हजार लैपटॉप वितरण योजना
जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में 100-100 विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण योजना
लेकिन साल 2018-19, साल 2019-20, साल 20-21 में नहीं हुआ वितरण
करीब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को लैपटॉप मिलने का इंतजार

शिक्षा विभाग (Education Department) की इस महत्वाकांशी योजना के तहत राज्य स्तर पर कक्षा 8वीं,10वीं और 12वीं में 75 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक कक्षा के 6-6  हजार विद्यार्थियों को योजना का लाभ दिया जाता है. वहीं, जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में 100-100 विद्यार्थी जिन्होंने 70 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं उनको योजना में शामिल किया जाता है. शिक्षा विभाग की ओर से पिछले तीन सालों से योजना में लाभार्थियों की सूची तो जारी की गई, लेकिन अभी तक लैपटॉप का वितरण नहीं हो पाया है.

अंकों के पैरामीटर पर अपनी योग्यता साबित करने वाले ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों का कहना है कि "ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी ऑनलाइन क्लास से बच्चे वंचित है. कक्षा 10वीं में 80 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने के बाद सूची में नाम तो आया,,लेकिन पिछले डेढ़ साल से लैपटॉप का इंतजार हो रहा है. अगर सरकार की ओर से समय से लैपटॉप दिया जाता तो ऑनलाइन क्लास लेने में आसानी रहती. इसके साथ ही एक लैपटॉप से गांव के 8-10 बच्चे एक साथ पढ़ सकते हैं, तो कोरोना काल में ये योजना ना सिर्फ होनहार विद्यार्थी साथ ही उनके साथियों के भी काम आ सकती थी."

शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी लैपटॉप वितरण योजना
हर साल राज्य स्तर पर 18 हजार विद्यार्थियों को होता लैपटॉप वितरण
कक्षा 8वीं के 8 हजार,कक्षा 10वीं के 6  हजार, कक्षा 12वीं के 6 हजार विद्यार्थी शामिल
जिला स्तर पर 9 हजार 900 विद्यार्थियों को होता लैपटॉप वितरण
प्रत्येक जिले से 100-100 विद्यार्थियों का होता है चयन
प्रति वर्ष 27 हजार 900 विद्यार्थियों को होता है लैपटॉप वितरण

हर साल राज्य स्तर पर 18 हजार लैपटॉप और जिला स्तर पर 9 हजार 900 लैपटॉप वितरण की योजना की अगर बात की जाए, तो प्रति वर्ष 27 हजार 900 लैपटॉप का वितरण किया जाना है. ऐसे में पिछले तीन सालों में ये पैंडेंसी 1 लाख के करीब पहुंच गई है. शिक्षक नेता अंजनी शर्मा का कहना है कि "कोरोना महामारी के दौरान बच्चे ऑनलाइन की पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में सरकारी स्कूलों के बच्चों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से वो ऑनलाइन क्लास नहीं ले पाते हैं. आने वाले समय में ये महामारी और कितने दिन शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगी इसका किसी को पता नहीं है. ऐसे में शिक्षा विभाग जल्द से जल्द पैंडिंग 1 लाख लैपटॉप का अगर वितरण कर देगी तो सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई को मजबूती मिल सकेगी."

बहरहाल, कोरोना अभी और कितना समय ताला बनकर स्कूलों के गेट पर लटका रहेगा,,इसका जवाब किसी के पास नहीं है. ऐसे में अगर शिक्षा विभाग की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ समय पर होनहार विद्यार्थियों को मिलेगा तो आने वाले समय में सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई का बेहतर लाभ मिल सकेगा. 

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