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Jaipur news: जयपुर में बाल सप्ताह के आखिरी दिन राज्य बाल आयोग की ओर से बाल मेले का आयोजन किया गया. मेले में बच्चों ने मनोरंजक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाया. वहीं नृत्य नाटिका से बालश्रम की पीड़ा और मोबाइल के दुष्प्रभाव बताए. बच्चों ने समाज के लोगों और अधिकारियों से उनकी पीड़ा को दूर कर मासूमों की जिम्मेदारी लेने का आहवान किया.
बता दें कि बाल दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर बाल सप्ताह की शुरुआत की थी. इसके बाद वंचित और अभावग्रस्त जीवन जी रहे बच्चों के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए. इनमें बच्चों को फिल्म दिखाने से लेकर बायोलॉजिकल पार्क भ्रम के साथ ही अन्य गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया गया. इसके बाद बाल सप्ताह के आखिरी दिन बालक-बालिकाओं के लिए बाल मेले का आयोजन किया गया.
बता दें कि बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने फीता काटकर बाल मेले का शुरूआत की. एसओएस ग्राम के बच्चों ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की. नृत्य नाटिका में बच्चियों ने बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराई को मार्मिक एवं संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया. उन्होंने नाटिका के जरिए पीड़ा बताकर समाज के लोगों से आह्वान किया कि वो ऐसे मासूमों की जिम्मेदारी लें ताकि उनका भी बचपन मुस्कुरा सके। इसके बाद टाबर संस्था के बच्चों ने अकबर-बीरबल नाटक के जरिए लोगों को मोबाइल के दुष्प्रभाव बताए कि उसका सही उपयोग होना चाहिए, वरना सारा काम खराब हो जाता है.
मेले में लिया आनंद, पुरस्कार भी मिले
बाल सप्ताह में हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को संगीता बेनीवाल ने सर्टिफ़िकेट और मोमेंटो देकर पुरस्कृत किया। बेनीवाल ने सप्ताह के दौरान सहयोग देने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया। बेनीवाल ने बच्चों के साथ विभिन्न स्टॉल्ज़ पर गेम्ज़ खेले और मैजिक शो भी देखा. बाल मेले में बच्चों के लिए ब्लून शूटिंग, डार्ट गेम, बॉल इन ग्लास जैसे कई गेम्ज़ और खाद्य पदार्थों की स्टॉल लगाई गई. जिसका बच्चों ने भरपूर आनंद लिया . अध्यक्ष बेनीवाल ने बच्चों को शुभकामनाएँ दीं और अपनी पूरी टीम को भी इस आयोजन के लिए बधाई दी। अध्यक्ष बेनीवाल ने कहा कि बच्चों के चेहरों पर जो ख़ुशी है वो इस आयोजन को सफल बनाती है .
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