Ashok Gehlot Sachin Pilot : प्री-बजट बैठक के दौरान के मुख्यमन्त्री पहले कोरोना और उसके बाद पार्टी में आए 'बड़े कोरोना' का ज़िक्र करते हुए दिख रहे हैं. माना जा रहा है कि इसके जरिये सीएम ने इशारों में सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों को 'बड़ा कोरोना' बता दिया.
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Ashok Gehlot Sachin Pilot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमन्त्री सचिन पायलट में जुबानी जंग रफ्तार लेती दिख रही है. पिछले तीन दिन से दोनों नेताओं में चल रही शब्द बाणों की बौछार अब सिलसिला पकड़ रही है. अबकी बार मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत का एक वीडियो आया है, जिसमें वे कह रहे हैं कि पहले कोरोना और उसके बाद उनकी पार्टी में आए बड़े कोरोना के कारण वे पिछले कुछ समय से लोगों से कम मुलाकात कर पाए. प्रदेश के राजनीतिक माहौल के बीच सीएम के इस बयान को सचिन पायलट पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है. इससे पहले पायलट ने तिजोरी से पर्चा लीक होने को 'जादूगरी' की संज्ञा दी थी तो अब गहलोत ने पार्टी के भीतर 'बड़े कोरोना' का ज़िक्र किया है.
प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के बीच राजनीतिक तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है. अब तक बीजेपी और कांग्रेस के साथ आरएलपी के बयान राजनीति का तापमान बढ़ाते थे.... लेकिन अब कांग्रेस में ही दो धड़ो में आने वाली बयानबाजी पारा बढ़ा रही है. ताज़ा मामला मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत के एक वीडियो से उजागर हुआ है जिसमें वे प्रदेश के कर्मचारियों के साथ प्री-बजट बैठक में 'बड़े कोरोना' का ज़िक्र कर रहे हैं.
दरअसल इस बैठक के दौरान एक कर्मचारी नेता ने मुख्यमन्त्री से कहा कि वे आजकल कम मिलते हैं तो मुख्यमन्त्री ने इस बात को स्वीकार किया. इस वीडियो में आगे सीएम अशोक गहलोत कहते हैं कि, 'पहले कोरोना आ गया, फिर एक बड़ा कोरोना आ गया हमारी पार्टी के अन्दर. कभी इलेक्शन, कभी बाय-इलेक्शन, कभी राज्य सभा चुनाव, वोट कहीं पड़ रहे हैं, हम कहीं हैं. ' गहलोत ने कहा कि, 'यह जो टाइम बीता है ना, वह अलग तरह का बीता है. अगर हमारे अच्छे फ़ैसले नहीं होते ना, तो आज हम जिस माहौल में बात कर रहे हैं ना, वो बात ही नहीं कर पाते. ' सीएम ने कहा कि 'पिछले चार साल में जो बर्बादी हुई है हमारी खुद की, जिस प्रकार से दिन खराब हुए हैं, मिलना नहीं-जुलना नहीं. पहले मेरे कोरोना हो गया, फिर पोस्ट कोविड, स्टंट लग गया. 'मुख्यमन्त्री ने अपनी तरफ़ से 'बड़े कोरोना' का ज़िक्र किया तो कर्मचारी नेताओं ने भी ठहाका लगाया. दरअसल सीएम की तरफ़ से दिए गए 'बड़े कोरोना' बयान को कांग्रेस नेता सचिन पायलट और उनके साथियों पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल साल 2020 में कोविड के समय ही कांग्रेस पार्टी के भीतर राजनीतिक संकट आया था.
पिछले तीन दिन से गहलोत-पायलट में शब्द-बाण जारी
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गहलोत और पायलट कैम्प के बीच सीज़ फायर की स्थिति रही. राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान में दाखिल होने से ठीक पहले पाली में सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधा था. उसके बाद यात्रा राजस्थान में रही तब तक दोनों ही कैम्पों की तरफ़ से एक-दूसरे के खिलाफ़ कोई बयान नहीं आया. अब 16 जनवरी से किसान सम्मेलन और जन-सम्पर्क के लिए निकले सचिन पायलट ने भी सीएम अशोक गहलोत का बिना नाम लिये निशाना साधा है तो गहलोत की तरफ़ से भी बिना किसी का नाम लिए ही जवाब दिया गया है.
16 जनवरी को सचिन पायलट ने परबतसर में कहा कि पेपर लीक मामले में केवल छोटे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है, जबकि एक्शन तो सरगना के खिलाफ़ लिया जाना चाहिए. उसके बाद 17 जनवरी को सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पेपर लीक में सरकार ने जिन लोगों पर कार्रवाई की है वे सरगना ही हैं. गहलोत ने कहा कि नेताओं के पास कोई नाम है और वे बताएंगे तो उस पर भी कार्रवाई कर देंगे.
अगले दिन 18 जनवरी को उदयपुरवाटी में पायलट ने कार्रवाई का तो स्वागत किया, लेकिन साथ ही एक बार फिर पेपर लीक पर सवाल भी उठाये. पायलट ने कहा कि अगर पेपर तिजोरी के ताले में बंद था तो वह अभ्यर्थियों के पास कैसे आया? पायलट ने कहा था कि तिजोरी में बंद पेपर बाहर आना तो 'जादूगरी' ही है.
अब 19 जनवरी को सीएम अशोक गहलोत का एक वीडियो आया है. 18 जनवरी को सचिन पायलट के 'जादूगरी' वाले बयान के थोड़ी ही देर बाद कर्मचारियों के साथ प्री-बजट बैठक के दौरान के इस बयान में मुख्यमन्त्री पहले कोरोना और उसके बाद पार्टी में आए 'बड़े कोरोना' का ज़िक्र करते हुए दिख रहे हैं. माना जा रहा है कि इसके जरिये सीएम ने इशारों में सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों को 'बड़ा कोरोना' बता दिया.
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