पेपर लीक मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण का अवैध निर्माण पर कार्रवाई पिछले 3 दिन से जारी है. तीसरे दिन भी मैनुअल तरीके पोकलेन मशीन से अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है.
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जयपुर: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के मकान को गिराने का काम आज तीसरे दिन भी जारी रहा. जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सूर्योदय होने के साथ अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी. जेडीए की टीम द्वारा रजनी विहार में मकान के अवैध हिस्से ऊपर की दो मंजिलों को गिराने का काम कर रही है.
तीसरे दिन भी मैनुअल तरीके पोकलेन मशीन से अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है. पेपर लीक का मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण ने मकान बनाने में अपने रसूख का उपयोग करा और नियमानुसार छोड़े जाने वाले सेट बैक पर निर्माण कर लिया था, जिस पर 2 दिन तक जेडीए ट्यूबनल कोर्ट में सुनवाई चली. कोर्ट ने जीडीए के पक्ष में 2 दिन पहले फैसला दिया था, जिसके बाद जेडीए की टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध निर्माण को गिराना शुरू करा.इसके पहले मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के कोचिंग इंस्टिट्यूट अधिगम को भी जेडीए ने ध्वस्त करा था. राज्य सरकार भी पेपर लीक करने वाले लोगों को एक सीख देना चाहती है. इसी कड़ी में इस बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है.
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दूसरे दिन कार्रवाई के दौरान घर देखने पहुंची पत्नी
बता दें कि दूसरे दिन जीडीए की कार्रवाई के दौरान भूपेंद्र सारण की पत्नी अपने टूटते भवन को देखने पहुंची और अधिकारियों से घर के अंदर कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामान निकालने की गुजारिश की. जिसपर अधिकारियों ने उन्हें अंदर जाने की परमिशन दी. भूपेंद्र की पत्नी एलची सारण ने बील्डिंग से अपना सामान बाहर निकाला. तब जाकर कार्रवाई शुरू हुई.
बीजेपी सांसद ने सीबीआई जांच की मांग की
वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान के शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर आउट मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करवाने की मांग की. साथ ही राज्य सरकार पर भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पेपर लीक प्रकरण में राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक शामिल हैं इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की जरूरत है
भूपेंद्र ने अवैध निर्माण होना स्वीकार किया
भूपेन्द्र सारण ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में यह स्वीकार किया उसने अपनी जमीन पर अवैध निर्माण कराया है. सारण को इस निर्माण को 3 महीने में हटाने के लिए कहा गया. इससे पहले भूपेन्द्र सारण प्तनी एलची सारण ने ट्रिब्यूनल से कहा कि 2017 से पहले यह निर्माण किया गया था. भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट मामले जेल जा चुका है. वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी वह सलाखों के पीछे रहा.
Reporter- Anoop Sharma