राजस्थान की पेयजल आवश्यकताओं को देखते हुए जरूरी है कि चंबल परियोजना, माही बांध, नर्मदा परियोजना परियोजनाओं के जल का कुशलतम उपयोग किया जाए.
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Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) की विभिन्न वृहद् जल परियोजनाओं में छीजत रोकने के साथ ही जल का कुशलतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि जल जीवन मिशन के लिए इन परियोजनाओं से जल की उपलब्धता सुलभ हो सके.
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गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जल जीवन मिशन की समीक्षा कर रहे थे. सीएम ने कहा कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर जल पहुंचाने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है.
व्यर्थ बह जाने वाले जल को संचित किया जाए
राजस्थान की पेयजल आवश्यकताओं को देखते हुए जरूरी है कि चंबल परियोजना, माही बांध, नर्मदा परियोजना परियोजनाओं के जल का कुशलतम उपयोग किया जाए. साथ ही व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल को संचित कर जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल सीमित मात्रा में है, जबकि मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि इजरायल जैसे देशों का अध्ययन कर जल के संरक्षण और समुचित उपयोग पर विशेष जोर दिया जाए. जल संरक्षण के माध्यम से नए स्रोत विकसित किए जाएं, जिनसे भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.
जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया गया है
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में किसानों को स्प्रिंकलर और बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति के अधिकाधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रदेश में विगत दिनों में जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया गया है. साथ हीं, उन्होंने कहा कि यह मिशन प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो सके. इसके लिए विभिन्न स्तर पर दी जाने वाली स्वीकृतियों का समय और कम किया जाए ताकि धरातल पर जल्द काम शुरू हो सके.
ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन
राजस्थान सरकार जलदाय मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) ने कहा कि प्रदेश में 15 अगस्त, 2019 तक 1,173 हजार ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन मिल चुके थे. इसके बाद करीब दो वर्षों में 74 लाख से अधिक स्वीकृतियां जारी की गई हैं और मिशन के तहत 8 हजार 162 पेयजल परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सुधांश पंत (Sudhansh Pant) ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि चालू वर्ष में पेयजल योजनाओं कनेक्शन की प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति निविदा आमंत्रित करने और कार्यादेश जारी करने के कार्य को काफी तेजी से आगे बढ़ाया गया है.
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इस साल अब तक 14 हजार 830 गांवों में 6 हजार 214 पेयजल योजनाओं के माध्यम से 37 लाख कनेक्शनों के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी हैं. साथ ही करीब 14 लाख जल संबंधों के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं. सभी जिलों में इम्प्लीमेंटेशन, सपोर्ट एजेंसी का चयन करने के साथ ही 43 हजार 230 विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी का गठन कर दिया गया है.