लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में CM गहलोत का बयान, बोले- घटना ने देश को हिलाकर रख दिया
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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में CM गहलोत का बयान, बोले- घटना ने देश को हिलाकर रख दिया

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. 

 गहलोत ने कहा है कि लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है.

Jaipur: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का बयान आया है. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. जिस रूप में अजय मिश्रा (Ajay Mishra) जो गृह राज्य मंत्री हैं, भारत सरकार के और उनकी स्पीच को सबने सुना, जब वो कह रहे हैं कि आप सबको मालूम नहीं है कि गृह मंत्री और सांसद बनने से पहले मैं क्या था? मैं जिस दिन चाहूंगा, ऐसी स्थिति पैदा कर दूंगा कि आप लोग यहां से भाग जाओगे. 

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जो अगर इस प्रकार की धमकी दे रहा है अपनी पब्लिक को, अपने मतदाताओं को, उसके बाद में जो कुछ भी हुआ वो देश के सामने है. सीएम ने कहा है कि 4 किसानों का मरना किसे कहते हैं, टोटल 9 लोग मारे गए हैं वहां पर, ये हृदय विदारक जो दृश्य बना है और जिस रूप में पूरा देश देख रहा है, उसके बावजूद भी न उन्होंने इस्तीफा दिया, न प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस्तीफा लेने का मैसेज दिया उनको. इससे वो किस दिशा में देश को ले जा रहे हैं, जब आपके सामने पूरे प्रूफ आ गए कि वो अपनी स्पीच के अंदर ऐसे कमेंट कर रहे हैं, जो गृह मंत्री को शोभा नहीं देते हैं और उसके बाद में आप प्रियंका गांधी जो प्रभारी महामंत्री हैं एआईसीसी की, या जो अन्य नेता थे राहुल गांधी जी जाना चाहते थे, या भूपेश बघेल गए वहां पर, या मिस्टर चन्नी गए, दीपेंद्र हुड्डा गए, और भी कई नेता गए वहां पर, उनको आप रोकने की कोशिश करने का तुक समझ में नहीं आता है. 

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अगर कोई घटना होती है कैसी भी घटना हो, अगर विपक्षी पार्टियां नहीं जाएंगी तो कौन जाएगा? और जब विपक्षी पार्टी जाती हैं और वहां जनता की बात सुनती हैं, चश्मदीद गवाह होते हैं उनकी बात सुनती है, उससे एक प्रकार से उनको विश्वास जमता है कि सरकारी पक्ष में अगर मान लो पक्षपात भी हुआ, तो क्योंकि विपक्षी पार्टियों लोग हमारे साथ खड़े हैं, हमारे साथ न्याय होगा. उस भावना से भी वो लोग शांत रहते हैं, कानून हाथ में नहीं लेते हैं और उम्मीद करते हैं हमें न्याय मिलेगा, आप उनको उससे वंचित कर रहे हो अनावश्यक रूप से? तो ये मिस हैंडलिंग नहीं है तो क्या है? 

आरोपियों को अरेस्ट किया जाए
वहां के मुख्यमंत्री जी को चाहिए था, वो खुद बल्कि जाने के लिए व्यवस्था करते सिक्योरिटी की, जो जाना चाहते थे उनकी सिक्योरिटी की व्यवस्था करते कि आपस में कोई ऐसी स्थिति नहीं बन जाए वहां पर कि जाने वाले नेता लोग ढंग से बात भी नहीं कर पाएं, ये हमेशा कायदा होता है और ये ही परंपराएं हमने देखी हैं. पर यूपी ऐसा प्रदेश बन गया है, जहां पर विपक्षी पार्टियों को जाने से रोकने की परंपरा बन गई है और जैसी सरकार की मंशा होती है, पुलिस वो ही व्यवहार करती है, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और अभी भी जो कल्प्रिट हैं, उनको अविलंब अरेस्ट करना चाहिए और लोगों को न्याय दिलाना चाहिए, ये काम वहां की सरकार का है और जिस प्रकार उच्चतम न्यायालय ने जो लताड़ पिलाई है राज्य सरकार को बार-बार. 

पुलिस-प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से और शीघ्र न्याय नहीं दिलाए
सीएम ने कहा है कि मैं समझता हूं कि उसके बावजूद भी अगर स्टेट गवर्नमेंट और वहां का पुलिस-प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से और शीघ्र न्याय नहीं दिलाए, तो ये बहुत ही अन्फॉर्च्युनेट होगा. खाली आप कमीशन बैठा दो, उससे नहीं काम चलने वाला. मैं उम्मीद करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट की भावनाओं को, देशवासियों की भावनाओं को समझकर के अविलंब ऐसी कार्रवाई होगी जिससे कि, विश्वास हो पूरे मुल्क को कि किसानों के साथ न्याय होगा.

 

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