प्रियंका गांधी को राजस्थान बुलाने का मामला, CM Gehlot ने Amit Shah को लेकर दिया ये बड़ा बयान
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प्रियंका गांधी को राजस्थान बुलाने का मामला, CM Gehlot ने Amit Shah को लेकर दिया ये बड़ा बयान

भाजपा के नेता की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को राजस्थान बुलाने के मामले में अब नया मोड़ आया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अब इस मुद्दे पर जवाब दिया है. CM ने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा के नेता राजस्थान में अपराधों को लेकर बार-बार श्रीमती प्रियंका गांधी को आमंत्रित करते हैं. 

CM Gehlot ने Amit Shah को लेकर दिया ये बड़ा बयान

Jaipur: भाजपा के नेता की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को राजस्थान बुलाने के मामले में अब नया मोड़ आया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अब इस मुद्दे पर जवाब दिया है. CM ने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा के नेता राजस्थान में अपराधों को लेकर बार-बार श्रीमती प्रियंका गांधी को आमंत्रित करते हैं. जबकि प्रियंका जी किसी संवैधानिक पद पर भी नहीं हैं. हम गृहमंत्री अमित शाह के लिए चार्टर प्लेन भेजकर निवेदन करना चाहेंगे, वो राजस्थान आएं और यहां आकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के संबंध में किए गए.

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उन्होंने आगे लिखा कि नवाचारों एवं अपराध के विरुद्ध की गई कठोर कार्रवाई की जानकारी लें, जिससे उनकी पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम दूर हो सकें. मुख्यमंत्री ने कहा है कि NCRB के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन होने के बावजूद जब पूरे देश में गत वर्ष की तुलना में अपराधों में 28.03% की वृद्धि हुई तब राजस्थान में 14.46% की कमी हुई. 

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2020 में डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, बलवा, नकबजनी, चोरी सहित सभी तरह के अपराधों में कमी आई. इस दौरान अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में तो अपराध में 62.29% की बढ़ोत्तरी हुई. वर्ष 2021 में भी राजस्थान में 2019 की तुलना में 4.77% की कमी हुई है.

हमारी सरकार ने FIR पंजीकरण अनिवार्य करने का साहस दिखाया
अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू करते समय हमें पता था कि अपराध के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होगी एवं विपक्ष तथा मीडिया इस पर सवाल उठाएगा. परन्तु हर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए हमने यह नीति लागू की पहले पॉक्सो एक्ट के पीड़ित कार्रवाई ना होने के डर से मन मसोस कर रह जाते थे.

परन्तु अब उनका सरकार में भरोसा जागा है एवं वो FIR दर्ज करवा रहे है
पुलिस हर FIR को एक तार्किक अंत तक पहुंचा रही है और अपराधियों को सजा मिल रही है. अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू होने से पूर्व महिला अपराधों की 33.4% FIR अदालतों CrPC 156 (3) से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होती थीं. परन्तु इस नीति के बाद यह संख्या सिर्फ 16% रह गई है. महिला अत्याचारों का अनुसंधान समय भाजपा सरकार के दौरान 2017-18 में 274 दिन हुआ करता था. जो अब-अब 79 दिन रह गया है. महिला अपराधों के लिए हर जिले में एडिशनल एसपी की नियुक्ति की गई है. 

उन्होंने लिखा कि अदालत से भी कोई अपराधी बच ना सके इसलिए लीगल ऑफिसर्स की नियुक्ति की इन सभी कदमों से पीड़ितों को राहत मिली है एवं अपराधियों में भय व्याप्त हुआ है. मैंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पूरे देश में अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू हो जिससे सभी प्रदेशों के असल आंकड़े सामने आ सकें परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. 

अनिवार्य FIR पंजीकरण के बावजूद अपराधों में कमी दिखाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है. हमारी सरकार के 3 सालों में पॉक्सो एक्ट के 620 मामलों में सजा सुनाई गई है. इनमें 7 को फांसी एवं 137 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. हम भाजपा की तरह अपराध पर राजनीति नहीं करते अपितु अपराधियों को कठोर दंड देकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाते हैं. 

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