समारोह में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री के सामने शिक्षकों की विभिन्न मांगें रखी और उन्हें पूरा करने की मांग की.
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Jaipur: आखिर मुख्यमंत्री की बात के क्या है संकेत ? क्या मुख्यमंत्री ने जल्द मंत्रिमंडल विस्तार के दिए हैं संकेत ! या फिर शिक्षकों से हुई बातचीत के विशेष मायने निकाले जाएं... क्या मंत्रिमंडल से होगी डोटासरा की रवानगी ? ऐसे कई सवाल छोड़ गया आज का राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से पूछा क्या विभाग में तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं, तो इस पर सभागार में मौजूद शिक्षकों ने हामी भर दी.
हालांकि बाद में शिक्षामंत्री डोटासरा (Govind Singh Dotasra) को इस पर स्पष्टीकरण देना पड़ा कि मेरे मंत्रीकाल में किसी ने ट्रांसफर के नाम पर चाय भी पिलाई हो तो बताएं, हालांकि किसी भी शिक्षक ने जवाब नहीं दिया. आखिर भरे सभागार में डोटासरा की मौजूदगी में शिक्षकों से इस कबूलनामा करवाने के क्या मायने हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री बोले थे आज डोटासरा जी ने सब कुछ बोल दिया ऐसा लगा जैसे विदाई भाषण दे रहे हैं. ऐसे में फिर सवाल उठता है कि क्या वाकई यह था डोटासरा का विदाई भाषण?
बिड़ला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह (State Level Teacher Award Ceremony) आयोजित किया गया. समारोह में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री के सामने शिक्षकों की विभिन्न मांगें रखी और उन्हें पूरा करने की मांग की. इसके बाद बोलने के लिए आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने चुटकी ली कि सारी बातें तो शिक्षा मंत्री ने कह दी. शिक्षा मंत्री ने इस तरह से बात रखी है, जैसे आपसे विदाई ले रहे हों. डोटासरा ने दिल्ली में भी अलाकमान से अपनी बात रखी थी, जिसमें एक पद की जिम्मेदारी की देने की मांग रखी थी ताकि पीसीसी को सही तरीके से चला सके. आज के संबोधन से लगा कि आपकी भावनाएं क्या है. हालांकि गहलोत ने संस्कृत राज्यमंत्री का वाक्य दोहराया कि ऐसा शिक्षामंत्री न आया है न ही कभी आएगा.
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शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी ऐसी बननी चाहिए, किसी की हार्ट बर्निंग नहीं हो. अभी क्या होता है कि किसी की चल गई है चल गई. हम सुनते हैं कि ट्रांसफर के लिए पैसे खिलाने पड़े हैं, यह बात सही है या नहीं, मुझे नहीं मालूम, अचानक मुख्यमंत्री गहलोत ने सभागार में मौजूद शिक्षकों से पूछा कि आप ही बताओ पैसे देने पड़ते हैं. इस पर सभागार में मौजूद शिक्षकों ने एक स्वर में कहा हां. मुख्यमंत्री ने कहा कमाल है. यह तो बहुत ही दुखदाई बात है कि टीचर ट्रांसफर कराने के लिए पैसे देते हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं समझता हूं कि कोई ऐसी पॉलिसी बन जाए कि सबको मालूम हो कि न पैसे चलेंगे न एमएलए की चलेगी. एमएलए मंत्री के कपड़े फाड़ने बंद कर देंगे, आप एमएलए के कपड़े नहीं फाड़ोगे.
दूसरी ओर मुख्यमंत्री का भाषण खत्म होने और समारोह के समापन से पहले गोविंद सिंह डोटासरा एक बार फिर पोडियम पर पहुंचे और स्पष्टीकरण दिया कि मेरे मंत्रीकाल में किसी ने भी ट्रांसफर के लिए स्टाफ को चाय तक भी पिलाई हो तो बताएं. बाद में पत्रकारों से बातचीत में ट्रांसफर में पैसे लेने के आरोप पर डोटासरा ने कहा कि किसी एक व्यक्ति के साथ ऐसा हादसा हो गया होगा, ऐसे में पूरी व्यवस्था पर सवाल लगाना ठीक नहीं है. हम मामले को दिखवा रहे हैं.