राजस्थान के बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े, अभिभावकों में चिंता
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राजस्थान के बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े, अभिभावकों में चिंता

स्कूल खुलने के साथ ही स्कूली बच्चों के पॉजिटीव आने के साथ ही अब चिंता की लकीरें अभिभावकों के माथे पर खिंचती जा रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: पिछले डेढ साल से ज्यादा का समय हो गया है. पूरा विश्व कोरोना (Covid) की महामारी से जूझ रहा है. राजस्थान (Rajasthan News) में दूसरी लहर ने जो तबाही मचाई, उसके जख्म अभी भी लोगों के मनों पर ताजा है. कोरोना ने अगर सबसे ज्यादा किसी को प्रभावित किया तो वो थी शिक्षण व्यवस्था (Educational system). 

कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही पूरे 1 साल 8 महीनों के बाद 15 नवम्बर से शत प्रतिशत क्षमता के साथ शिक्षण संस्थानों (Educational Institutions) को खोलने का फैसला लिया, लेकिन स्कूल खुलने के साथ ही स्कूली बच्चों के पॉजिटीव आने के साथ ही अब चिंता की लकीरें अभिभावकों के माथे पर खिंचती जा रही है.

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कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही शिक्षण व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार (Government) की ओर से पहल की गई. 1 अक्टूबर से जहां कक्षा 9वीं से 12वीं तक की स्कूलों (Schools) को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का फैसला लिया गया तो वहीं 20 सितम्बर से कक्षा 6 से 8वीं और 27 सितम्बर से कक्षा 1 से 5वीं तक की स्कूलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का फैसला लिया गया और जब प्रदेश में कोरोना के मामले 30 जिलों में पूरी तरह से आने बंद हुए तो उसके बाद 15 नवम्बर से सरकार ने शिक्षण संस्थानों को 100 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का फैसला लिया.

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-15 नवम्बर से 100 फीसदी क्षमता के साथ के साथ खुले शिक्षण संस्थान
-कोरोना के बाद 1 साल 8 महीनों के बाद पूरी क्षमता से खुले स्कूल
-कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के बाद 4 चरणों में खुले स्कूल
-पहले चरण में 1 अक्टूबर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक 50 फीसदी क्षमता के साथ
-20 सितम्बर से कक्षा 6 से 8वीं तक 50 फीसदी के साथ खुले स्कूल
-27 सितम्बर से कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूल 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले
-15 नवम्बर से 100 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खोलने का लिया फैसला
-30 जिलों में कोरोना के मामले शून्य होने के बाद लिया गया फैसला

कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही हिमाचल (Himanchal News) ने अक्टूबर में सबसे पहले शिक्षण संस्थान खोलने का फैसला लिया, और स्कूल खोलने के महज एक महीने के अंदर ही हिमाचल में करीब 550 से ज्यादा बच्चे कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए गए. साथ ही हिमाचल के हमीरपुर में सबसे ज्यादा करीब 200 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए. 

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राजस्थान में 15 नवम्बर से 100 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खोलने का फैसला लिया गया, और राजस्थान में भी महज 4 दिनों में ही बच्चों के कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. 16 नवम्बर को जहां जयपुर (Jaipur News) की नामी एसएमएस स्कूल (SMS School) के दो बच्चे एक साथ कोरोना संक्रमित पाए गए तो उसके बाद मानसरोवर स्थिति नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) और जयश्री पेड़िवाल स्कूल (Jayshree Pediwal School) में भी दो बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए, जिसके बाद अभिभावकों (Parents) की चिंता बढ़ने लगी, और बीते दिन एक ढाई साल के बच्चे की कोरोना से मौत ने अभिभावकों को हिलाकर रख दिया है.

राजस्थान की स्कूलों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद एक बार फिर से अभिभावक संगठनों और अभिभावकों ने स्कूलों को तुरंत प्रभाव से बंद करते हुए ऑनलाइन पढ़ाई (Online Classes) करवाने की मांग तेज कर दी है, और इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा जा चुका है. 

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अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि 15 नवम्बर से शत प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खुलने के साथ ही निजी स्कूलों ने मनमानी करते हुए ऑनलाइन क्लास को बंद कर दिया गया है, जिसके चलते अब बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए बच्चों को स्कूल भेजना मजबूरी बनती जा रही है. इसलिए सरकार ऑफलाइन पढ़ाई (Offline Study) के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई को भी शुरू करवाए.

शिक्षक संगठनों का कहना है कि दिवाली के बाद से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, और अब 22 जिलों में कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है, ऐसे में स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास बंद करने से बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों की मजबूरी बन गई है. साथ ही अभी भी करीब 40 फीसदी से ज्यादा अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए की बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों को या तो फिर से बंद किया जाए या फिर ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू की जाए, जिससे बच्चों को राहत मिल सके.

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बहरहाल, प्रदेशभर से अभी तक बच्चों को स्कूल खुलने के बाद दर्जनभर कोरोना के मामले ही सामने आए हैं, लेकिन कोरोना का फिर से बढ़ता हुआ प्रकोप कहीं ना कहीं चिंता का विषय बनता जा रहा है, ऐसे में अब अभिभावकों ने फिर से ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने की मांग तेज कर दी है

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