दौसा पुलिस का अभियान, बच्चों को दी जा रही कानून की जानकारी
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दौसा पुलिस का अभियान, बच्चों को दी जा रही कानून की जानकारी

बच्चे हमारा भविष्य है और उनके साथ कई बार घर में या घर से बहार ऐसी घटनाएं घटित हो जाती है जिसको लेकर बच्चे डरें और सहमे हुए रहते हैं.

दौसा पुलिस का अभियान

Dausa: प्राचीन काल हो या आज का बदलता समय, नाबालिग बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के कई हृदय विदारक मामले सामने आए हैं. आजादी के बाद राज्यों की सरकार हो या केंद्र की सरकार बच्चों के साथ कोई अमानवीय घटना ना हो इसके लिए कानून भी बनाए गए लेकिन उसके बावजूद भी बच्चों को प्रताड़ित करने की घटनाओं पर पुरी तरह अंकुश नही लग सका.

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आज भी नाबालिग बच्चों के साथ दुराचार होने की घटनाएं जब सामने आती है तो उसे सुनकर देखकर हर कोई हैरान हो उठता है. ऐसे में दौसा जिला पुलिस द्वारा स्कूली बच्चों को जिले के थानों का अवलोकन करवा कर उन्हें एक ओर जहां पुलिस के कामकाज से अवगत करवाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर उन्हें उनके अधिकारों और कानून की जानकारियां भी दी जा रही है. जिससे बच्चे अपने साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं को निडर होकर बता सकें. कई बार गलत सही का ज्ञान नही होने पर नाबालिग बच्चे भी आपराधिक घटनाएं कर देते है. ऐसे में अगर उन्हें कानून की जानकारियां होगी तो वह ऐसे किसी भी काम से बच सकेंगे जो कानून सम्मत नहीं है.

दौसा एसपी लालचंद कायल  (SP Lalchand Kayal) का कहना है कि कई बार बच्चों के साथ अमानवीय घटनाएं घटित होती है लेकिन डर के चलते बच्चे अपने परिजनों को उसके बारे में बताते नहीं हैं जिसके चलते आरोपी बच निकलते हैं लेकिन दौसा पुलिस द्वारा बच्चों को कानून उनके अधिकारों की जानकारियां दी जा रही है साथ ही थानों में ले जाकर पुलिस की कार्यशैली से अवगत करवाया जा रहा है. जिससे बच्चे अपने साथ होने वाली किसी भी आपराधिक घटना के बारे में निडर होकर बता सकें. वहीं बच्चों को यातायात नियमों की भी जानकारियां दी जा रही है जिससे उन्हें यह पता रह सके की वहान कब और कैसे चलाना चाहिए.

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बच्चे हमारा भविष्य है और उनके साथ कई बार घर में या घर से बहार ऐसी घटनाएं घटित हो जाती है जिसको लेकर बच्चे डरें और सहमे हुए रहते हैं. यहां तक कि आरोपी द्वारा डरा धमका कर बच्चों को उस घटना की किसी को भी जानकारी नही देने की बात कही जाती है. ऐसे में बच्चों को कानून की और उनके अधिकारों की जानकारियां होंगी तो वह निडर होकर खुलकर बोल सकेंगे.

बेशक बच्चों के साथ घटित होने वाले मामले जब पुलिस के पास पहुंचते हैं तो पुलिस उन में त्वरित कार्यवाही करती है लेकिन हम सब की भी जिम्मेदारी होती है कि हम अपने बच्चों को घर में समय दे और उनके साथ मित्रवत व्यवहार करते हुए उनसे बात करें और उनकी परेशानियां जानने का प्रयास करें साथ ही उन्हें अच्छा आचरण करने की सलाह भी दे. जिससे बच्चे एक ओर जहां आपराधिक गतिविधियों से दूर रह सकेंगे साथ उनके साथ होने वाले किसी भी दुराचार की घटना के बारे में तुरंत बता सकेंगे. जिसके चलते आरोपी को समय रहते सजा भी मिल सकेंगी.

Reporter: Laxmi Sharma

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