गोर्वधन पर्व पर भक्तों को किया जागरूक, लंपी कहर को लेकर पशुपालकों को किया सतर्क
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गोर्वधन पर्व पर भक्तों को किया जागरूक, लंपी कहर को लेकर पशुपालकों को किया सतर्क

आज गोर्वधन पर्व है,इस दिन गाय की पूजा की जाती है.लेकिन प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज के कहर के कारण गायों में गंभीर बीमारी थमने का नाम नहीं ले रही.अधिकतर गायों में लंपी स्किन डिजीज ठीक होने लगा है.लेकिन जिन गायों में फिर से ये बीमारी हो रही है और पहले से ज्यादा घातक हो रही है. जिस तरह से इं

गोर्वधन पर्व पर भक्तों को किया जागरूक, लंपी कहर को लेकर पशुपालकों को किया सतर्क

Jaipur: आज गोर्वधन पर्व है,इस दिन गाय की पूजा की जाती है.लेकिन प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज के कहर के कारण गायों में गंभीर बीमारी थमने का नाम नहीं ले रही.अधिकतर गायों में लंपी स्किन डिजीज ठीक होने लगा है.लेकिन जिन गायों में फिर से ये बीमारी हो रही है और पहले से ज्यादा घातक हो रही है.

जिस तरह से इंसानों में पोस्ट कोविड के बाद लक्षण आ रहे हैं,ठीक इसी तरह गायों में लंपी डिजीज का नया रूप सामने आ रहा है.अब ऐसे केसेस का इलाज घर में संभव नहीं है.इसलिए अब गोपालक गोवंश को अस्पताल या मेडिकल कैंप में उपचार करवा रहे हैं.गायों के उपचार में लगे राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के सदस्य भवानी शंकर माली का कहना है कि जामडोली में शौर्य सेवा संस्थान की द्वारा कैंप लगाकर गायों की जान बचाई जा रही है. अब तक संस्थान ने 200 गायों का इलाज किया जा चुका है.

गोर्वधन के दिन गाय की पूजा तो करे,लेकिन लंपी बीमारी का भी ध्यान रखे,खासकर लावारिस गायों में लंपी के लक्षण दिखे तो तुरंत अस्पताल या कैंप में भर्ती करवाए.क्योकि अब गायों में गहरे घाव-मवाद हो रही है. आंखों के रेटिना सफेद पड़ रहे हैं. आंखों में धब्बे पड़ने से अंधापन हो रहा है. सबसे बड़ी बात ये है कि दूध खत्म हो रहा है.अब बीमारी ज्यादा गंभीर हो गई है, इसलिए इन्हे ठीक होने में कम से कम एक महीने का वक्त तो लगेगा ही.

ये उपचार दिया जा रहा गायों को

गायों को मेडिकल कैंप या अस्पताल लाकर मवाद बाहर निकालते है. उसके बाद में पोटेशियम पाउडर, ओक्सीटेट्रा, साइक्लीन पोविडीन से उपचार शुरू किया जाता है. तीनों को घाव पर लगाया जाता है. साथ में एंटीबायटिक इंजक्शन दिया जा रहा है. गहरे घाव के सुखाव के लिए सुबह शाम बोलस ओक्सीटेट्रा दे रहे हैं.गोवंश में ये बीमारी गंभीर जरूर है लेकिन इसका इलाज संभव है. सरकार के सहयोग के लिए ऐसी संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए, जो गायों के उपचार के लिए ज्यादा से ज्यादा कैंप लगा सके ताकि गाय माता जल्द से जल्द ठीक हो सकें.

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