JLF के चौथे दिन मंत्री कल्ला ने कन्हैयालाल सेठिया को मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार देने की मांग की
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JLF के चौथे दिन मंत्री कल्ला ने कन्हैयालाल सेठिया को मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार देने की मांग की

साहित्य महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आज चौथा दिन रहा .जेएलएफ के चौथे दिन अलग-अलग मुद्दों पर होंगे 50 से अधिक सेशन का आयोजन किया जा रहा है. वहीं, आज चारबाग में द जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल महाकवि कन्हैया लाल सेठिया अवॉर्ड कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

JLF के चौथे दिन मंत्री कल्ला ने कन्हैयालाल सेठिया को मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार देने की मांग की

जयपुर: साहित्य महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के चौथे दिन 50 से अधिक सेशन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कला संस्कृति और शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला मौजूद रहे.कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र का शुभकामनाएं संदेश पढ़ा गया. इस दौरान कवि, आलोचक, संपादक, अनुवादक के. सच्चिदानंद को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 8वें महाकवि कन्हैयालाल अवार्ड प्रदान किया गया. के. सच्चिदानंद को सम्मान स्वरुप एक मोमेंटो और नकद 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई.

वहीं, इस दौरान जेएलएफ 2021 का महाकवि कन्हैयालाल अवार्ड भी अनामिका को प्रदान किया गया. इस दौरान रंजीत होसकोटे,अनामिका, सिद्धार्थ सेठिया, नमिता गोखले और संजॉय के रॉय समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. इस सभी वक्ताओं ने कन्हैयालाल सेठिया की योगदान पर प्रकाश डाला. इस दौरान अपने संबोधन में मंत्री बीडी कला ने कहा कि कन्हैयालाल सेठिया का साहित्य जगत के लिए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. कन्हैया लल सेठिया बहु भाषा के धनी थे. उन्होंने राजस्थानी हिंदी और उर्दू में अनेकों रचनाएं लिखी.

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मंत्री बीडी कल्ला ने कार्यक्रम को किया संबोधित

उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से राजस्थान की कला संस्कृति और यहां की माटी की महक को विश्व पटल पर जन जनमानस तक प्रचार किया. उनकी रचनाएं आज भी देशभर के कार्यक्रम में गूंजती सुनाई देती है. साथ ही उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल सेठिया को मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए. वह इस दौरान बीच-बीच में कन्हैयालाल सेठिया की कविताओं की पंक्तियां पढ़ते हुए मंत्री कल्ला ने राजस्थानी में बोलते हुए कहा कि कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी के कवि थे तो राजस्थानी न बोलना उनका सम्मान नहीं होगा. इसलिए उनके सम्मान में राजस्थानी जरूर बोलना चाहूंगा. वहीं, अवार्ड पाने वाले की सच्चिदानंद ने कहा कि वही सम्मान पाकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं . साथ ही उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल सेठिया की कविताओं को अंग्रेजी और मलयालम भाषा में अनुवाद करने की भी कोशिश करेंगे.

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