Ganesh Chaturthi 2023: सिंजारे पर प्रथम पूज्य के हाथों में लगाई मेंहदी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
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Ganesh Chaturthi 2023: सिंजारे पर प्रथम पूज्य के हाथों में लगाई मेंहदी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

Ganesh Chaturthi 2023 Motidungari ganesh: राजस्थान के जयपुर में शहरभर के प्रथम पूज्य के मंदिरों में गणेश चतुर्थी के पर्व से एक दिन पहले सिंजारा महोत्सव मनाया. प्रथम पूज्य गणपति को मेहंदी लगाकर भक्तों को पांच हजार किलो से अधिक मेंहदी वितरित की. मंदिर के बाहर भी 200 से अधिक स्कैनर लगाए गए हैं. 

Ganesh Chaturthi 2023: सिंजारे पर प्रथम पूज्य के हाथों में लगाई मेंहदी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

Ganesh Chaturthi 2023 Motidungri ganesh : राजस्थान के जयपुर में शहरभर के प्रथम पूज्य के मंदिरों में गणेश चतुर्थी के पर्व से एक दिन पहले सिंजारा महोत्सव मनाया. प्रथम पूज्य गणपति को मेहंदी लगाकर भक्तों को पांच हजार किलो से अधिक मेंहदी वितरित की.

गणेश चतुर्थी पर 200 से अधिक स्कैनर लगाए 

इस अवसर पर भगवान को राजशाही जमाने का श्रृंगार किया. बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन किए. मंदिर में विशेष रोशनी भी आकर्षण का केंद्र रही. पर्व पर देर रात से भक्तों का रैला भगवान गणेश के जयकारों के बीच जेएलएन मार्ग, टोंक रोड पर नजर आया. मंदिर महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में विशेष श्रृंगार में स्वर्ण मुकुट धारण कराया.

सिंजारा महोत्सव मनाया गया

महंत परिवार के पारंपरिक श्रृंगार में नोलड़ी का नोलखा हार का भाव था. इसमें मोती, सोना, पन्ना माणक के भाव स्वरूप दर्शाए गए हैं. इसके बनाने में करीब तीन माह लगे. सिंजारे पर भगवान को चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया. विशेष पोशाक धारण कराई गई। प्रथम पूज्य को मेहंदी लगाई. इसके बाद भक्तों को 3100 किलो मेहंदी प्रसाद के रूप में वितरित की.

भगवान गणेश पांच बार पोशाक बदलेंगे

पांच जगहों से मेहंदी वितरण की. मेंहदी लेने के लिए हर उम्र के लोग उमड़ पड़े. कल सुबह मंगला झांकी चार बजे से भक्तों को दर्शन होंगे. महंत शर्मा ने बताया कि भक्तों के आने के लिए पांच और निकास के लिए छह लाइन रहेगी. इसके साथ ही नवाचार के तौर आनलाइन भक्त भगवान गणेश के एक क्लिक पर दर्शन कर सकेंगें.

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मंदिर के बाहर भी 200 से अधिक स्कैनर लगाए गए हैं. भगवान पांच बार पोशाक बदलेंगे. पोशाक में आरी-तारी से लेकर जरदोजी का विशेष काम करवाया है. दर्शन व्यवस्था के लिए पुरुष, महिला की अलग लाइन है. एमडी रोड, जेएलएन मार्ग, तख्तेशाही रोड मार्ग पर की है. नि:शक्तजन के लिए ​अलग से रिक्शे लगाए हैं.

क्या होता है सिंजारा महोत्सव

गणेश चतुर्थी के पर्व से एक दिन पहले सिंजारा महोत्सव मनाया जाता है. सिंजारा या सिंधारा तीज पर लड़की के मायके से ससुराल वालों को सिंजारा (सिंधारा) भेजा जाता है, जिसमें तीज की पूरी थाल होती है. इस थाल या परात में तीज पर लड़की और लड़की की ससुराल वालों की महिलाओं के लिए साड़ी, गहने, मिठाई, मेवे और श्रृंगार का पूरा सामान होता है. जिसके जरिए मायके वाले लड़की को अपना प्यार और शुभकामनाएं भेजते हैं. 

 

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