राजस्थान में सिर्फ 14 मंदिरों के पास है भोग सर्टिफिकेट, तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी मामले के बाद प्रदेश में सख्ती
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राजस्थान में सिर्फ 14 मंदिरों के पास है भोग सर्टिफिकेट, तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी मामले के बाद प्रदेश में सख्ती

Jaipur News: राजस्थान में केवल 14 मंदिरों के पास भोग सिर्टिफइकेट हैं. इसमें जयपुर का मोती डूंगरी गणेश ऐसा पहला मंदिर है, जिसे भोग सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ था.

 

राजस्थान में सिर्फ 14 मंदिरों के पास है भोग सर्टिफिकेट, तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी मामले के बाद प्रदेश में सख्ती

Jaipur News: दुनियाभर में मशहूर तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलने का मामला सामने आया है. मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. जमकर प्रसाद पर विवाद हो रहा है. अब इस मामले के बाद राजस्थान में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट भी अलर्ट मोड पर आ गया है. डिपार्टमेंट ने बड़ा फैसल लिया है. प्रदेश के मंदिरों के प्रसाद की जांच करने का विशेष अभियान चलाया जाएगा. 

जांच के जारी होगा सर्टिफिकेट

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (FSSAI) ने इट राइट इनिशिएटिव प्रोग्राम के तहत भोग के लिए एक सर्टिफिकेशन स्कीम अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत, मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद और बेचने वाले वेंडर्स और खाने-पीने की चीज़ों को सर्टिफिकेशन दिया जाता है. यह प्रमाण पत्र खाद्य सुरक्षा के मानकों एवं हाइजिन सेनेटाईजेशन की पालना करने वाले मंदिरों/धार्मिकों स्थानों को ही दिया जाता है.

राजस्थान में चलेगा अभियान

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर राजस्थान में चलाए जा रहे अभियान 'शुद्ध आहार, मिलावट पर वार' के तहत जांच बारीकी से की जाएगी. इसमें सभी बड़े मंदिर, जहां रोजाना भोग के लिए प्रसाद बनाया जाता है उसकी जांच होगी. इन मंदिरों में बनने वाले प्रसाद के लिए इस्तेमाल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच होगी.

54 मंदिरों ने किया है आवेदन

जानकारी के मुताबिक राजस्थान के 54 बड़े मंदिरों द्वारा भोग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया जा चुका है, जिसका वेरिफिकेशन होगा. इसके लिए संबंधित विभागों को जानकारी दी जा रही है. वहीं स्पेशल टीम बनाई जा रही है, जो प्रसाद की गुणवत्ता को चेक करेगी साथ ही हाइजीन का भी निरीक्षण करेगी.

14 धार्मिक स्थलों के मिला है भोग सर्टिफिकेट

राजस्थान में अब तक केवल 14 मंदिरों के पास भोग सिर्टिफइकेट हैं. इसमें जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहला धर्मिक स्थल है, जिसे भोग सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है. यह सर्टिफिकेट हर 6 माह में ऑडिट के बाद रिन्यू कराना होता है. सर्टिफिकेट के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की टीम मंदिर रसोई की कमियों, जरूरतों, कार्य और मापदंड के पालन का पता लगाकर रिपोर्ट बनाती है.

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