जयपुर न्यूज: 24 परिवहन कार्यालयों में जल्द ऑटो ट्रैक शुरू होंगे.अभी प्रदेश के 13 परिवहन कार्यालयों में ऑटो ट्रैक चल रहे हैं. परिवहन विभाग खुद ही ट्रैक संचालन करेगा.
Trending Photos
जयपुर: एक तरफ जयपुर के आरटीओ प्रथम कार्यालय में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का पजेशन निजी कंपनी से परिवहन विभाग ने खुद अपने हाथों में ले लिया है. अब प्रदेश में 24 नए ड्राइविंग ट्रैक भी बनकर तैयार हो रहे हैं. इसके बाद प्रदेशभर में परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का कार्य मैनुअली नहीं होकर ऑटोमेटेड ट्रैक पर होगा.
प्रदेश में अब ज्यादातर परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चालकों की दक्षता परखकर ही जारी किए जाएंगे. प्रदेश के ज्यादातर जिला परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक बनाने का कार्य पूरा कर लिया गया है. इस परियोजना के दूसरे और तीसरे चरण में कुल 24 परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ट्रैक बनाए गए हैं, जिनकी शुरुआत मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही हो सकती है.
दरअसल ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर लाइसेंस ट्रायल लेने की कवायद 3 साल पहले शुरू की गई थी. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जयपुर के जगतपुरा एआरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनवाया था. इसके बाद प्रदेश के 12 अन्य परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनाए गए. पहले फेज में अजमेर आरटीओ को छोड़कर शेष 11 आरटीओ कार्यालयों और 2 डीटीओ कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक शुरू किए गए थे.
डीटीओ कार्यालयों में डीडवाना और झालावाड़ जिला परिवहन कार्यालय शामिल किए गए थे. अब दूसरे और तीसे फेज में 24 अन्य जिला परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं. दरअसल परिवहन मंत्री बृजेन्द्र ओला खुद सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से प्रयासरत हैं और उन्होंने सभी परिवहन कार्यालयों में लाइसेंस जारी करने के लिए ऑटोमेटेड ट्रैक पर ट्रायल को लेकर जोर दिया है.
24 परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक
- दूसरे चरण में 17 DTO ऑफिसेज में ऑटोमेटेड ट्रैक बनाना तय हुआ
- इनमें से 16 कार्यालयों में ट्रैक बनकर तैयार हुए, 1 में निर्माणाधीन
- करौली, नागौर, सुजानगढ़, ब्यावर, चूरू, धौलपुर, किशनगढ़
- रामगंजमंडी, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, राजसमंद, शाहपुरा (भीलवाड़ा)
- बाड़मेर, जैसलमेर, सवाईमाधोपुर और चौमूं में ट्रैक बनकर हुए तैयार
- केवल बारां जिला परिवहन कार्यालय में निर्माण पूरा होना बाकी
- तीसरे फेज में 7 जिला परिवहन कार्यालयों में ट्रैक बनाने की योजना
- इनमें से 3 फलौदी, डूंगरपुर, जालौर में ट्रैक बनकर हुए तैयार
- 4 कार्यालय बांसवाड़ा, दूदू, नोहर व आबूरोड में ट्रैक निर्माणाधीन
- इस तरह तीन फेज में प्रदेश के 37 परिवहन कार्यालयों में ट्रैक बने
शुरुआत में परिवहन विभाग ने वर्ष 2020 में जयपुर के जगतपुरा में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर लाइसेंस बनाने के लिए एक निजी कंपनी को अधिकृत किया था. निजी कंपनी स्मार्टचिप को 2 साल की अवधि के लिए संचालन का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन जब 2 साल बाद कंपनी द्वारा वापस पजेशन सौंपने में परेशानियां खड़ी की गई.
परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि अब सभी ड्राइविंग ट्रैक का संचालन विभाग के स्तर से ही किया जाएगा. ऐसे में मौजूदा सभी 13 कार्यालयों में कंपनी से हैंडओवर वापस लिया जा रहा है. अब तक विभाग 8 परिवहन कार्यालयों में कंपनी की अवधि समाप्त हो चुकी हैं, जहां पजेशन वापस लिया जा रहा है.
8 की अवधि पूरी, 5 की बाकी
- 8 परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ट्रैक की निजी कंपनी की अवधि पूरी
- जयपुर प्रथम, सीकर, बीकानेर, डीडवाना, पाली, अलवर में अवधि पूरी
- भरतपुर और जोधपुर सहित 8 परिवहन कार्यालयों में अवधि पूरी
- दौसा आरटीओ में निजी कंपनी की अवधि बुधवार को समाप्त होगी
- इसके बाद झालवाड़, उदयपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़ की अवधि अगस्त में पूरी होगी
चूंकि अब परिवहन विभाग ने यह निर्णय कर लिया है कि सभी परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक का संचालन विभाग के स्तर पर किया जाएगा, तो ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि नए बने 24 परिवहन कार्यालयों में भी ट्रैक का संचालन विभाग अपने स्तर पर ही करेगा. इसके लिए परिवहन विभाग की तकनीकी टीम जुट गई है. 19 कार्यालयों में ट्रैक बनाए जा चुके हैं, जबकि बचे हुए 5 कार्यालयों में भी ट्रैक सितंबर तक बनकर तैयार हो सकते हैं. संभावना है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही परिवहन कार्यालयों में इन्हें शुरू करने की सौगात दी जा सकती है.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
ये भी पढें..
कांग्रेस ने RPSC को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा, केसावत कैसे कई कांग्रेसी हैं शामिल - CP जोशी