BJP प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का बड़ा बयान, 'अगर बंदर के हाथ उस्तरा आ जाता तो सोचो क्या होता'
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BJP प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का बड़ा बयान, 'अगर बंदर के हाथ उस्तरा आ जाता तो सोचो क्या होता'

Shahpura, Jaipur News: जयपुर के शाहपुरा में प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान की जानकारी देते हुए अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा संख्या लोगों को भाजपा से जोड़ने की बात कही. राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि अगर देश में मोदी की इतनी सीट नहीं आती तो सोचो क्या होता. 

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Shahpura, Jaipur News: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ मनोहरपुर पहुंचे. राठौड़ ने यहां भाजपा सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक में शिरकत की. राठौड़ ने मनोहरपुर पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया. 

प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान की जानकारी देते हुए अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा संख्या लोगों को भाजपा से जोड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि देश में संकुचित सोच के लोग तोड़ने का काम कर रहे हैं. हमें उनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है. राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि अगर देश में मोदी की इतनी सीट नहीं आती तो सोचो क्या होता. अगर बंदर के हाथ उस्तरा आ जाता तो सोचो क्या होता. देश में एक पार्टी कश्मीर में 370 वापस लागू करने की बात कहती है और कांग्रेस उसके साथ खड़ी है. 

राठौड़ ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा में एक प्रक्रिया है. उसी के तहत भाजपा में पदाधिकारियों का चुनाव होता है. उपचुनाव को लेकर राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस भ्रम नहीं फैलाए. उन्हें अपना घर देखना चाहिए. हम हमारा घर देख रहे है. राहुल गांधी विदेश में जाकर आरक्षण खत्म करने की बात कहते है. दिल्ली और राजस्थान में हमारी सरकार है. हमने संविधान और आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की. मोदी जी संविधान को सिर पर रखकर नमन करते हैं.

मदन दिलावर पर डोटासरा द्वारा दिए गए बयान पर राठौड़ ने कहा कि दिलावर हमारे नेता हैं. उनकी हम देख लेंगे. वो अपने नेताओं की चिंता करें. पहले गहलोत ने सचिन पायलट पर क्या क्या बयान दिए थे. तब डोटासरा क्यों नहीं बोले. जिलों को लेकर राठौड़ ने कहा कि ये सरकार का मामला है. सरकार ही इस पर निर्णय लेगी.

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भजनलाल कैबिनेट में मंत्रियों ने उठाई तबादलों से बैन हटाने की मांग, अंतिम फैसला करेंगे CM

Jaipur News: प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों को लेकर एक बार फिर चर्चा उठी है. राज्य की भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने तबादले खोलने की मांग उठाई. हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर छोड़ दिया गया है. अब विधानसभा उपचुनाव के बाद या आचार संहिता लगने से पहले तबादलों पर कुछ समय के लिए पाबंदी हटाने के कयास लगाए जा रहे हैं.

राजस्थान में कांग्रेस का राज बदले दस महीने हो रहे हैं. सरकार बदलने के साथ ही कर्मचारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं में तबादले की मांग उठने लगी थी और तबसे लगातार तबादले खुलने का इंतजार किया जा रहा है. भजनलाल सरकार की रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक बार फिर मंत्रियों ने तबादले खोलने की मांग उठाई. चर्चा के दौरान अधिकांश मंत्रियों की इस बात पर सहमति थी कि तबादले खोले जाने चाहिए. 

इस दौरान सामने आया कि चिकित्सा स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में तबादले नहीं किए जाते हैं. इस पर कहा गया कि दोनों विभाग बड़े हैं, जिनमें शॉर्ट समय में तबादले नहीं किए जा सकते हैं. इस पर मंत्रियों ने कहा कि इन दोनों महकमों को छोड़कर दूसरे विभागों में तो तबादलों से बैन हटाया जा सकता है. हालांकि चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तबादलों को लेकर किसी प्रकार की सहमति नहीं दी. अब तबादलों से बैन खोलने को लेकर मुख्यमंत्री अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेना है.

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