Jaipur: SMS अस्पताल के सर्जरी विभाग डॉक्टरों ने युवती के दाहिने ब्रेस्ट से निकाली 13 किलो की गांठ
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Jaipur: SMS अस्पताल के सर्जरी विभाग डॉक्टरों ने युवती के दाहिने ब्रेस्ट से निकाली 13 किलो की गांठ

Jaipur news: एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग चिकित्सकों ने एक युवती के ब्रेस्ट से 13 किलों की गांठ निकालकर उन्हें जीवनदान दिया है. 12 किलो की गांठ निकालने का रिकॉर्ड है. अब डॉक्टर्स की टीम ने मिलकर 13 किलों की गांठ निकालकर नए आयाम छुए हैं.

SMS अस्पताल

Jaipur news: एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग चिकित्सकों ने एक युवती के ब्रेस्ट से 13 किलों की गांठ निकालकर उन्हें जीवनदान दिया है. इससे पहले एसएमएस अस्पताल में अधिकतम 12 किलो की गांठ निकालने का रिकॉर्ड है. अब डॉक्टर्स की टीम ने मिलकर 13 किलों की गांठ निकालकर नए आयाम छुए हैं.

6 महीने से थी परेशान 
 एसएमएस हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा, ने बताया कि धौलपुर निवासी मरीज (परिवर्तित नाम) सानिया के दाहिने ब्रेस्ट में करीब 6 महीने से बड़ी गांठ थी. जिसकी वजह से मरीज के छाती और दाहिने कंधे में अत्याधिक दर्द रहता था. इसको लेकर मरीज ने कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन सभी ने बड़ी गांठ की वजह से एस एम एस अस्पताल जाने की सलाह दी.

इस टीम के सदस्यों ने किया कारनामा 
मरीज को एसएमएस अस्पताल में सर्जरी विभाग के यूनिट 3 में भर्ती कराया गया एवं सभी आवश्यक जांचे करने के बाद बीमारी की जटिलता को देखते हुए प्लास्टिक सर्जरी विभाग से परामर्श लिया गया. इसके बाद मरीज का ऑपरेशन डॉ. प्रभा ओम के निर्देशन में डॉ. राजेंद्र बुगालिया, डॉ. बी. एल. यादव, डॉ. प्रवीण जोशी, प्लास्टिक सर्जन डॉ अमित शर्मा की ओर से किया गया.

सरकार की योजना के तहत निशुल्क ऑपरेशन 
 जिसमें रेजिडेंट डॉ. दर्शन, डॉ. संदीप, डॉ. जगदीश का सहयोग रहा. निश्चेतना विभाग से डॉ. सुनील चौहान, डॉ. इंदु वर्मा, डॉ रजनीश सिंघल, एवं नर्सिंग स्टाफ जया चन्दानी के सहयोग से सफल ऑपरेशन हो सका. डॉ. राजेंद्र बुगालिया ने बताया की ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है. ऑपरेशन भी राज्य सरकार की योजना के तहत निशुल्क किया गया है.

13 किलों की गांठ 
दरअसल, एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग चिकित्सकों ने सानिया नाम के मरीज के ब्रेस्ट से 13 किलों की गांठ निकालकर सानिया को एक नया जीवन दान दिया है. सानिया पिछले  6 महीने ब्रेस्ट में बड़ी गांठ से परेशान थी. जिसे लेकर बह कई जगह पर दिखा चुकी थी. लेकिन कोई असर नहीं हुआ. जिसके बाद एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और सानिया को नया जीवन भी.

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