जयपुर में अनूठा विवाह! एक ही मंडप में 16 जातियों के 32 जोड़ों की हुई शादी, साेने-चांदी के साथ मिली 21-21 साड़ियां
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1673747

जयपुर में अनूठा विवाह! एक ही मंडप में 16 जातियों के 32 जोड़ों की हुई शादी, साेने-चांदी के साथ मिली 21-21 साड़ियां

Jaipur News : संस्कारों के बीच हुआ अनूठा विवाह, जाति-पांति का भेद मिटा, एक मंडप में 16 जातियों के 32 जोड़ों का विवाह

जयपुर में अनूठा विवाह! एक ही मंडप में 16 जातियों के 32 जोड़ों की हुई शादी, साेने-चांदी के साथ मिली 21-21 साड़ियां

Jaipur News : जानकी नवमी पर जयपुर शहर में अनूठा विवाह समारोह आयोजित किया गया. समारोह में एक ही मंडप में 16 जातियों के 32 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. सेवा भारती की ओर से आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में खास बात यह रही कि 6 अंतरजातीय जोड़े विवाह बंधन में बंधे. वहीं छह दुल्हनों तथा एक दूल्हे के सिर से पिता का साया नहीं था, लेकिन रिश्तेदारों व परिजनों ने सेवा भारती के सहयोग से उनका घर बसाया. दो जोड़े राजस्थान के बाहर के जिलों से भी परिणय में बंधने समारोह में पहुंचे.  
 
सेवा भारती की ओर से जानकी नवमी पर 12वां सर्वजातीय सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. अम्बाबाड़ी आदर्श विद्या मंदिर में हुए इस आयोजन के माध्यम से  लोगों को  सामाजिक समरसता, सादगी-समर्पण का संदेश दिया गया. आयोजन में विभिन्न समाज, समुदाय के लोगों ने शिरकत की, बल्कि साथ बैठकर भोजन भी  किया. समारोह में संघ के वरिष्ठ प्रचारक व सेवा भारती के सहित कई संघ के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की. त्रिवेणी धाम पीठाधीश्वर रामरिछपाल दास महाराज सहित कई संतों ने विवाह समारोह में पहुंचकर वर वधू को आशीर्वाद दिया.  

सामूहिक निकासी, एक साथ मारा तोरण....

सामूहिक पाणिग्रहण से पहले सभी दूल्हों की ढहर का बालाजी से सामूहिक निकासी निकाली गई.    निकासी के बाद दूल्हे पांडाल में पहुंचे . इसके बाद एक साथ सभी ने तोरण मारा. इस दौरान बड़ी संख्या में वर-वधु पक्ष के लोगों के साथ ही समाज के अन्य गणमान्य लोग सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. तोरण के बाद सभी दुल्हा-दुल्हन मंच पर पहुंचे, जहां एक एक कर दूल्हा-दुल्हन की वरमाला की रस्म हुई. इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा कर उनका सम्मान एवं स्वागत किया.  

fallback

जीवन की डोर से बंधे, समरसता का लिया संकल्प

समारोह में एक मंडप में अलग अलग वेदियां बनाई गई, जहां दूल्हा-दुल्हन का पाणिग्रहण करवाया गया. मुख्य पंडित के साथ ही हर वैदी पर एक एक पंडित मौजूद थे, जिन्होंन मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान पूर्वक फेरे करवाए. फेरों के बाद आशीर्वाद दिया गया, जिसमें वर-वधुओं ने संकल्प लिया कि वो सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे. खास बात यह थी कि पांडाल में विवाह के लिए मंडपों को देवी देवताओं और महापुरूषों के नाम से जुड़े अलग अलग नाम दिए गए. इनमें अरूंधति-वशिष्ट, लक्ष्मी-नारायण, अहिल्या-महर्षि गौतम मंडप, शिव-पार्वती मंडप, तुलसी-शालिगराम मंडप आदि नाम शामिल हैं.  

वर-वधुओं को दिए गए उपहार

सेवा भारती समिति की ओर से प्रत्येक वर वधू को उपहार दिए गए. दानदाताओं के सहयोग से गृहस्थी चलाने के लिए आवश्यक सामान दिया गया. समिति की ओर से विवाहित जोड़े को मिक्सी, कूलर, पलंग, डिनर सेट, बाथरूम सेट, सिलाई का किट, चांदी-साेने के जेवरात सहित 21-21 साड़ियां उपहार में दी गई. इन सामानों के साथ ही गृहस्थी बसाने की सभी आवश्यक वस्तुएं दानदाताओं की ओर से उपहार में दी गई.

दस साल में 2200 से अधिक जोड़ों का विवाह

सेवा भारती की ओर से पिछले 11 साल से सर्वजातीय सामूहिक विवाह आयोजन करवाया जा रहा है. सेवा भारती की ओर से अब तक 2200 से अधिक जोड़ों का विवाह करवाया जा चुका है. इस बार सेवा भारती की ओरसे 12वां श्रीराम जानकी सर्वजातीय विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया.

एक सामूहिक विवाह, कई संदेश

सामूहिक विवाह के इस आयोजन से समाज में लोगों को कई प्रकार के संदेश दिए गए. समाज में वंचित, गरीब वर्ग के लोगों का विवाह कराया गया. सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत भी की गई, क्योंकि सभी समाज, जाति के लोगों ने एक साथ भोजन किया, न कहीं छुआछूत , न ही ऊंच नीच का भाव दिखाई दिया. वहीं समारोह में सहयोग देने से सम्पन्न लोगों में समर्पण का भाव जागा. सादगी का संदेश भी दिया गया.   

यह भी पढ़ें- 

जमीन में लोट-लोट कर सबके सामने नागिन डांस करने लगी नई भाभी, घरवालों के रोकने से भी न रुकी

खिलौनों की तरह 2 खतरनाक सांपों को उनके बिल से खींच लाई लड़की, Video रूह कंपा देगा

Trending news