Jhalawar News: झालावाड़ जिले के लिए वर्ष 2024 दो बड़ी उपलब्धियां लेकर आया. जहां एक और झालावाड़ जिले को उत्तर भारत की तीसरी सबसे बड़ी हवाई पट्टी मिल गई है, तो वहीं झालावाड़ जिले से होकर गुजर रही रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन भी 12 मार्च 2024 को अकलेरा तक पहुंच गई.
झालावाड़ जिले के लिए वर्ष 2024 दो बड़ी उपलब्धियां लेकर आया था. जहां एक और झालावाड़ जिले को उत्तर भारत की तीसरी सबसे बड़ी हवाई पट्टी मिल गई है, तो वहीं झालावाड़ जिले से होकर गुजर रही रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन भी 12 मार्च 2024 को अकलेरा तक पहुंच गई. ऐसे में इस साल से अब अकलेरा में भी ट्रेन की सिटी गूंजने लगी. क्षेत्र के लोगों को भी ट्रेन की सस्ती व सुलभ सुविधाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है. हालांकि झालावाड़ जिले के लिए दोनों ही बड़ी उपलब्धियां में प्रमुख प्रयास रहा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह का, जिनके निरंतर प्रयासों से यह मुश्किल सपना जमीनी हकीकत बनकर साकार हो पाए.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गृह जिला झालावाड़ जो निरंतर विकास की सीढ़ियां साल दर साल चढ़ता जा रहा है. लेकिन बात की जाए वर्ष 2024 की तो यह वर्ष भी झालावाड़ जिलेवासियों को खट्टी मीठी यादें संजोए रखने के लिए खास रहा. हालांकि इन यादों में सबसे खास रहा झालावाड़ जिले में हवाई सेवाओं के लिए जमीन तैयार करना, जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था. अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान वसुंधरा राजे ने झालावाड़ के गागरोंन के समीप कोलाना हवाई पट्टी का निर्माण शुरू करवाया था.
शुरुआत में यह एयरस्ट्रिप 1700 मीटर बनकर तैयार हुई, जिसमें छोटे एयरप्लेन आसानी से उतरना शुरू हो गए. कोलाना हवाई पट्टी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान खासी उपयोग में रही, तो वहीं इसी कोलाना हवाई पट्टी पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी अपने प्लेन उतार चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा कि झालावाड़ की कोलाना एयर स्ट्रिप नियमित उड़ान सेवाओं में शामिल हो जाए.
ऐसे में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने निरंतर प्रयास किया और कोलाना हवाई पट्टी का विस्तार शुरू करवाया. वर्ष 2024 की सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही, कि कोलाना हवाई पट्टी का विस्तार कर उसे 3 हजार मीटर कर दिया गया है. ऐसे में अब उत्तर भारत के तीन सबसे बड़े रनवे में झालावाड़ की कोलाना एयर स्ट्रिप शामिल हो गई है.
यहां पर अब बड़ी बोइंग 747 जैसी एयरबस को भी उतारा जा सकता है. इसके साथ ही झालावाड़ के कोलाना हवाई पट्टी को एयरपोर्ट का रूप देने का भी प्रयास शुरू हो गया है, इसके लिए केंद्र तथा प्रदेश सरकार सरकार के संयुक्त प्रयासों से यहां पर फ्लाइंग स्कूल खोले जाने की भी सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है. कोलाना एयरस्ट्रिप को एयरपोर्ट का रूप देने के लिए हैंगर्स, प्रशासनिक भवन, लाइटिंग, सीवरेज सिस्टम सहित अन्य सभी आवश्यक संसाधनों को तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए बजट भी मिलता जा रहा.झालावाड़ जिला मुख्यालय पर स्थित कोलाना हवाई पट्टी पर अभी तक 142 करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की टीम ने यहां आकर रनवे का घर्षण टेस्ट भी पूरा कर लिया है.
इसी को लेकर वर्ष 2025 से भी झालावाड़ जिले की अब खासी उम्मीद बंध गई है. जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और सांसद दुष्यंत सिंह द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहे हैं, ऐसे में उम्मीद है कि आगामी वर्ष 2025 में झालावाड़ की कोलाना हवाई पट्टी एयरपोर्ट में तब्दील हो जाएगी और यहां से छोटे विमानो की हवाई सेवा नियमित रूप से शुरू हो जाएगी. यदि झालावाड़ जिला मुख्यालय से हवाई सेवा शुरू हो जाती है, तो जिले से जुड़े करीब आधा दर्जन अन्य जिलों सहित सीमावर्ती मध्य प्रदेश के भी कई बड़े शहरों के लोग भी इसका लाभ उठा पाएंगे. इसके साथ ही झालावाड़ के पर्यटन और रोजगार को भी पर लगेंगे.
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूसरे ड्रीम प्रोजेक्ट रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन का कार्य भी तेज गति से चल रहे हैं. रामगंजमंडी से अकलेरा तक रेल सेवा शुरू हो चुकी है, जिसे वर्ष 2025 के मार्च माह तक झालावाड़ जिले तथा राजस्थान के अंतिम छोर घाटोली तक पहुंचाने की तैयारी पूरी हो गई है. घाटोली तक ट्रेन की टेस्टिंग भी हो गई है और वहां तक रेल सेवाओं के विस्तार को भी स्वीकृति मिल गई है. ऐसे में अब रेलवे विभाग द्वारा शेड्यूल तैयार होने के बाद झालावाड़ जिले के अंतिम छोर तथा राजस्थान के अंतिम छोर घाटोली तक रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन की ट्रेन पहुंच जाएगी.
इसके बाद शेष मध्य प्रदेश मैं चल रहे रेलवे लाइन का कार्य पूरा होते ही रामगंजमंडी रेल लाइन भोपाल से जुड़ जाएगी. दिल्ली से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए यह सबसे कम दूरी का रेल मार्ग रहेगा. ऐसे में यह रेल लाइन शुरू हो जाने के बाद झालावाड़ जिला विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ जाएगा.