राजस्थान में एक लाख संविदाकर्मी, सरकार के इस एक पेंच से सिर्फ 10 प्रतिशत होंगे नियमित
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राजस्थान में एक लाख संविदाकर्मी, सरकार के इस एक पेंच से सिर्फ 10 प्रतिशत होंगे नियमित

Rajasthan News : राजस्थान में एक लाख से ज्यादा संविदाकर्मी है. लेकिन आईएएस पैटर्न की शर्त से केवल 10 फीसदी ही संविदा कर्मी नियमित हो पाएंगे,जबकि 90 फीसदी संविदा कर्मी नियमित नहीं होंगे. 

राजस्थान में एक लाख संविदाकर्मी, सरकार के इस एक पेंच से सिर्फ 10 प्रतिशत होंगे नियमित

Rajasthan News : संविदा से कर्मियों को आजादी कब मिलेगी? क्योंकि आईएएस पैटर्न की शर्त कर्मियों को नियमित बनने में रोडा बनी हुई है. इसलिए प्रदेशभर में आज संविदा कर्मियों ने आईएएस पैटर्न का विरोध किया. जयपुर में संविदा कर्मियों में कलेक्ट्रेट सर्किल पर प्रदर्शन किया. इस दौरान संविदा कर्मियों ने कहा कि सरकार के इस फैसले से 10 प्रतिशत ही संविदा कर्मी नियमित हो पाएंगे, क्योंकि नियमित होने के लिए 15 साल का लंबा अनुभव चाहिए. जबकि इतने लंबे अनुभव की संख्या बहुत है. इसलिए सरकार से मांग करते है कि नियमित करने के लिए आईएएस पैटर्न को हटाया जाए.

क्या है आईएएस पैटर्न ?

आईएएस पैटर्न में 3 वर्ष के अनुभव को 1 वर्ष माना जाता है. सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए आईएएस पैटर्न की तर्ज पर 5 वर्ष का अनुभव की शर्त रखी. इस हिसाब से संविदा कर्मियों को नियमित होने के लिए 15 वर्ष का अनुभव चाहिए.

प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा संविदा कर्मी

संविदा कर्मियों का कहना है कि प्रदेश में एक लाख से ज्यादा संविदाकर्मी है. लेकिन आईएएस पैटर्न की शर्त से केवल 10 फीसदी ही संविदा कर्मी नियमित हो पाएंगे,जबकि 90 फीसदी संविदा कर्मी नियमित नहीं होंगे. सरकार से मांग है कि इस शर्त को हटाया जाए. क्योकि संविदा कर्मियों को 15 साल का लंबा अनुभव नहीं है.

हालांकि संविदा कर्मियों का कहना है कि उच्च अधिकारियों के मुलाकात में आईएएस पैटर्न की जानकारी मिली थी,जब ऐसे में देखना होगा कि सरकार संविदा कर्मियों को कितनी राहत दे पाती है?

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