Maha Shivratri 2022: सिर्फ एक खास बेलपत्र बना देगा अमीर, आज महाशिवरात्री पर करें ये उपाय
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Maha Shivratri 2022: सिर्फ एक खास बेलपत्र बना देगा अमीर, आज महाशिवरात्री पर करें ये उपाय

भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग बना है. 

फाइल फोटो

Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्री पर आज सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. सभी भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना में जुट गए हैं. कई लोग अपने अपने घरों में भी रूद्राभिषेक कर रहे हैं. भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग बना है. धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा. जबकि परिध योग के बाद शिव योग लगेगा. परिध योग में शत्रुओं के खिलाफ बनाई रणनीतियों में सफलता मिलती है. शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है.

महाशिवरात्रि पर ग्रहों का योग
आज 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बना है. इस राशि में मंगल और शनि के साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे. लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी. चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा.

महाशिवरात्री पर शुभ मुहूर्त
मान्यता है कि आज महाशिवरात्रि पर देवों के देव महादेव से सच्चे मन से की गयी कामना जरूर पूरी होती है. ज्योतिषाचार्य विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि आज सुबह 3:16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च को सुबह 10 तक महाशिवरात्री रहेगी.आपको बता दें कि शिवरात्रि की रात को पूजा 4 पहर में की जाती है. पहले पहर की पूजा शाम 6:21 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट के बीच की जाएगी. दूसरे पहर की पूजा रात 9:27 मिनट से 12: 33 मिनट के बीच, तीसरे पहर की पूजा रात 12:33 मिनट से सुबह 3:39 बजे के बीच और चौथे पहर की पूजा 3:39 मिनट से 6:45 मिनट के बीच की जाएगी. आज सुबह 11.47 से दोपहर 12.34 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 02.07 से लेकर 02.53 तक विजय मुहूर्त रहेगा. पूजा या कोई शुभ कार्य करने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं. शाम के वक्त 05.48 से 06.12 तक गोधूलि मुहूर्त रहने वाला है.

पूजन विधि 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि आज के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करा कराएं. केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं.  पूरी रात्रि का दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.

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पूजन में बेलपत्र का महत्व
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने से उन्हें शीतलता मिलती है. बता दें कि महादेव की प्रिय बेल पत्र को संस्कृत में बिल्वपत्र भी कहा जाता है. कहते हैं कि पूजा के समय शिवलिंग पर बेलपत्र (Belpatra) चढ़ाने से भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं. यही नहीं महाशिवरात्रि पर अगर भक्त बेलपत्र से भगवान शिव की विशेष पूजा करें तो उनके धन संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती है. लेकिन याद रखें ये बेलपत्र 4 पत्ती वाला हो.

न करें इन चीजों का इस्तेमाल
धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन भोलेनाथ को कुछ चीजें भूलकर भी अर्पित नहीं करनी चाहिए. पूजा में शंख भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए. कुमकुम और रोली भूलकर भी नहीं लगानी चाहिए. तुलसी का पत्ता भी अर्पित नहीं करना चाहिए. नारियल पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए. पूजा के दौरान केतकी और केवड़े के फूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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