प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने जासूसी मामले को लेकर सीधे राज्य सरकार के मुखिया पर निशाना साधा.
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Jaipur: पेगासस सॉफ्टवेयर (Pegasus Software) के जरिए फोन टैपिंग (Phone Tapping) और जासूसी के आरोपों की गूंज संसद में होने के बाद राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति में भी इसका असर दिख रहा है. पहले कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने इस मामले में मीडिया से रूबरू होकर केंद्रीय गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग कर दी, तो उधर बीजेपी भी कांग्रेस के हमले का जवाब देने के लिए तैयार बैठी थी.
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प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने जासूसी मामले को लेकर सीधे राज्य सरकार के मुखिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने और जांच की बात करने से पहले राजस्थान में विधायकों और मंत्रियों की फोन टैपिंग का खुलासा करें. राठौड़ ने पूछा कि किन नियमों के तहत सरकार ने किसके और कितने फोन टैप किए? राठौड़ ने कहा कि अगर गहलोत ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें कोर्ट से संज्ञान लेने की बात नहीं करनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ (Kali Charan Saraf) के प्रश्न पर विधानसभा में सरकार मां चुकी है कि राजस्थान में फ़ोन टैप कराए गए और ऐसा होता रहता है. राठौड़ ने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी (Vedprakash Solanki) खुद कह चुके हैं कि उनके और कुछ विधायकों के फोन टैप किए जा रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए.
राठौड़ ने सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा का लिया नाम
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने की बात तो कह दी, लेकिन उनके ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक साल पहले अपने फ़ोन से ऑडियो-वीडियो जारी किये और इस आधार पर मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने चार एफआईआर भी दर्ज कराई. राठौड़ ने कहा कि उन्हें इस पर भी संज्ञान लेना चाहिए. इस मामले को लेकर एक मुकदमा दिल्ली की क्राइम ब्रांच में भी चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस टैपिंग के आधार पर तो राजस्थान में अपनी ही सरकार के उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन मंत्रियों तक के खिलाफ केस दर्ज करवा दिये गए. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में तो हालात ऐसे हैं कि जाने किसका फोन टैप हो जाए?
वसुंधरा राजे के पीए के फोन टैपिंग पर बोले, तथ्यहीन बात कर रही कांग्रेस
पेगासस जासूसी मामले में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पीए प्रदीप अवस्थी की जासूसी के आरोप लगाए. इस पर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस और गोविंद डोटासरा यह बताएं कि कौन सा नंबर टैप किया गया? कब-कब टैप किया गया? राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस केवल चाय के प्याले में तूफान लाने की कोशिश कर रही है. इनके पास कोई तथ्य नहीं है.
राठौड़ का तंज, सिद्धू को प्रदेशाध्यक्ष बनाने से परेशान हैं गहलोत
रराठौड़ ने सीएम गहलोत पर तंज भी कसतेकहा कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के बाद प्रभारी अजय माकन के री-ट्वीट से मुख्यमंत्री परेशान हैं. इस ट्वीट में लिखा है कि राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीतता है. गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है. चाहें अमरिंदर सिंह हो या गहलोत या फिर पहले शीला हों या कोई और मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है'.
तथ्यात्मक जानकारी के बिना संसद में हंगामा- राठौड़
राठौड़ ने कहा कि पैगासस जासूसी मामले को लेकर बिना तथ्यात्मक जानकारी के संसद के मानसून सत्र में हंगामा किया जा रहा है. यह साफ तौर पर एक नये टूलकिट का मामला नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि पहले भी टूलकिट के जरिये पीएम की छवि खराब करने कोशिश की गई. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इस पर अपनी बात रख चुके हैं. जिस एनजीओ ने दावा किया कि टेलीफोन निगरानी पर है, यह वही एनजीओ है, जिसने भारत सरकार (Indian Government) के खिलाफ अभियान चलाया था और बाद में भाग गई थी. राठौड़ ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में 9 हजार टेलीफोन और कई ईमेल को सर्विलांस पर लिया गया था. यह बात खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार ने स्वीकारी थी.