साल 2020 के मुकाबले साल 2021 शिक्षा के क्षेत्र में थोड़ा राहत देने वाला रहा. साल 2020 में शिक्षा के क्षेत्र में जिस विकास का सपना सरकार ने देखा उस विकास को कहीं ना कहीं साल 2021 में पूरा करने पर फोकस किया और प्रदेश सरकार कहीं ना कहीं अपने इस लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब भी नजर आई.
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Jaipur: साल 2020 और साल 2021 एक तरह से कोरोना (Covid) के नाम ही रहा. मार्च 2020 में कोरोना के चलते जिंदगी थम सी गई और करीब डेढ़ साल का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक पूरी तरह से जिंदगी पटरी पर नहीं लौट पाई है लेकिन साल 2020 के मुकाबले साल 2021 शिक्षा के क्षेत्र में थोड़ा राहत देने वाला रहा. साल 2020 में शिक्षा के क्षेत्र में जिस विकास का सपना सरकार ने देखा उस विकास को कहीं ना कहीं साल 2021 में पूरा करने पर फोकस किया और प्रदेश सरकार कहीं ना कहीं अपने इस लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब भी नजर आई है.
कोरोना ने बदली प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था की दशा और दिशा
कोरोना ने शिक्षा व्यवस्था (Rajasthan Education System) को काफी प्रभावित किया है और इसी प्रभाव के कारण शिक्षा बदल गई है. क्लास रूम के साथ ही अब ऑनलाइन पढ़ाई (online study) विद्यार्थियों के जीवन का हिस्सा बन गई है. कोरोना की दस्तक के साथ ही 20 मार्च 2020 को प्रदेश के शिक्षण संस्थान बंद हुए. कोरोना की पहली लहर और उसके बाद दूसरी लहर के बीच स्कूलों को कुछ समय के लिए खोला तो गया लेकिन अप्रैल 2021 में एक बार फिर से कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी और शिक्षक संस्थानों पर फिर से ताले लटक गए. दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही सितम्बर महीने में शिक्षण व्यवस्था फिर से पटरी पर लौटी और अब तीसरी लहर की संभावना के बीच बच्चे ऑफलाइन पढ़ाई (Offline Study) के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई में जुटे हुए हैं.
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तृतीय श्रेणी शिक्षकों से भी मांगे गए तबादला आवेदन
साल 2021 तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए थोड़ी राहत लेकर आया. कांग्रेस सरकार (Congress Government) की ओर से इस साल थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादला आवेदन तो मांगे ही गए. साथ ही डार्क जोन में लगे करीब 75 हजार से ज्यादा शिक्षकों को भी लम्बे समय बाद इन तबादला आवेदन में शामिल किया गया. प्रदेश (Rajasthan News) के करीब 2 लाख तृतीय श्रेणी शिक्षकों में से करीब 85 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किया है लेकिन अभी तक तबादला प्रक्रिया पाइप लाइन में होने की वजह से इन शिक्षकों को राहत नहीं मिल सकी है.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में राजस्थान दूसरे पायदान पर
कोरोना काल भी प्रदेश सरकार (Gehlot Government) के कार्यों की गति को नहीं रोक पाई. सरकार के वादों की बात की जाए तो शिक्षा का क्षेत्र रहा जिस पर सरकार ने पूरी तरीके से फोकस करती हुई नजर आई. स्कूली शिक्षा के ढांचे को बदलना और देश में राजस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दूसरे पायदान पर काबिज होना यह दर्शाता है कि शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान (Rajasthan News) में जो काम हुए हैं वह अन्य किसी राज्य में नहीं हुए हैं. किसी भी प्रदेश का विकास वहां की शिक्षा और चिकित्सा पर किए गए कार्यों पर काफी निर्भर करती है और राजस्थान की सरकार भी इसी मूल मंत्र को अपनाते हुए आगे बढ़ी. कांग्रेस सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कार्य किए गए. जिसमें से प्रदेश में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने से लेकर कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन शिक्षा को पुख्ता करने के कदम उठाना काफी महत्वपूर्ण रहा.
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मंत्रिमंडल पुनर्गठन में बदले प्रदेश के शिक्षा मंत्री
करीब तीन सालों तक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी निभाने वाले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) से आखिरकार ये जिम्मेदारी वापस ले ली गई. कांग्रेस सरकार ने हाल ही में शिक्षा मंत्री बदल दिया है. गोविंद सिंह डोटासरा के स्थान पर डॉ बीडी कल्ला (BD Kalla) को शिक्षा मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान (Zahida Khan) को बनाया गया. शिक्षा मंत्री बनने के साथ ही डॉ. बीडी कल्ला ने तबादला नीति जल्द ही लाने के साथ ही अगले 25 सालों का विजन तैयार कर शिक्षा को एक नए मुकाम तक ले जाने की बात कही. इसके साथ ही इस विजन को देश के लिए एक मिसाल कायम करने की बात भी कही.
परीक्षा में बड़े सवालों की जगह छोटे सवालों को महत्वत्ता देने पर जोर
प्रदेश के करीब 65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों (Government Schools) में पढ़ने वाले करीब 98 लाख बच्चों के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की परीक्षा पैटर्न को लेकर भी इस साल सरकार की ओर से निर्णायक कदम उठाए गए. नए परीक्षा पैटर्न में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों की परीक्षा बड़े सवालों की संख्या को कम कर छोटे सवालों को बढ़ाया गया. साल 2021 में शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसमें वृक्ष मित्र योजना, स्टाफ और सिटीजन विंडो, पाठ्यपुस्तक के प्रथम पृष्ठ पर संविधान की प्रस्तावना, स्टाफिंग पैटर्न, स्थानांतरण नीति प्रक्रिया, स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना, आधारभूत संरक्षण का विकास, 15 सौ करोड़ रुपये के निर्माण कार्य स्वीकृत, कृषि विषय के स्थान पर कृषि संकाय की स्थापना, इंदिरा प्रियदर्शनी अवार्ड, आत्मरक्षा प्रशिक्षण सहित अन्य काम किए गए.
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-प्रदेश में बंद किए गए करीब 20 हजार स्कूलों को फिर से खोला गया
-थर्ड ग्रेड शिक्षकों के पद नाम में परिवर्तन करते हुए शिक्षकों के बड़ी राहत दी
-12सौ नये अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को खोलने को लेकर गति दी गई
-करीब 30 लाख 77 हजार बच्चों को दिया जा रहा ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ
-करीब 40 लाख से ज्यादा बच्चों को घर-घर जाकर शिक्षकों ने पढ़ाया
-20 हजार वाट्सअप ग्रुप से माध्यम से बच्चों तक पहुंचाई शिक्षण सामग्री
-करीब के 160 विद्यालयों का नाम शहीदों के नाम पर किया गया
-बस्तों का बोझ कम करते हुए नो बैग डे लागू किया गया
-आरटीई में प्रवेश के लिए आय सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख किया गया
-विद्यार्थियों के लिए करियर काउंसलिंग व राजीव गांधी करियर पोर्टल की शुरूआत
-सेना में भर्ती के लिए शस्त्र बल शिक्षण अकादमी की सीकर में शुरूआत
-ज्ञान संकल्प पोर्टल पर मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के तहत स्कूलों को आर्थिक सहयोग
-पढ़ाई को मजबूत करने के लिए कार्य पुस्तिका बच्चों को करवाई गई उपलब्ध
-पुरस्कृत शिक्षकों को निशुल्क बस यात्रा सुविधा और भूखण्ड देने की शुरुआत