Corona के नए Variant Delta Plus को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क, Contact tracing पर जोर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan928917

Corona के नए Variant Delta Plus को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क, Contact tracing पर जोर

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बेहर कोरोना प्रबंधन का ही नतीजा है कि प्रदेश में दो दिन से मृत्यु का आंकड़ा जीरो रहा है. 

बीकानेर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया गया है.

Jaipur: राजस्थान चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने कहा कि प्रदेश में कोरोना (Corona) के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमित एक मरीज बीकानेर (Bikaner) में ट्रेस हुआ है. खुशी की बात यह है कि मरीज रिकवर भी हो चुकी हैं. 

यह भी पढ़ें- Rajasthan में Corona के 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट की एंट्री, आमजन में भय का माहौल

उन्होंने कहा कि सरकार नए वेंरिएंट को लेकर पूरी तरह सजग और सतर्क है. बीकानेर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया गया है और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिए गए हैं ताकि संक्रमण का प्रसार न हो.

 यह भी पढ़ें- Jaipur में सिर्फ साढ़े 3 घंटे में मिल रहा Covid Test का परिणाम, जानें खास मशीन का नाम

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के 11 राज्यों में 48 मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित पाए गए हैं. देश में 10 जगह जीनोम सिक्वेंसिंग का काम हो रहा है. राजस्थान के एसएमएस मेडिकल कॉलेज (SMS Medical College) में जीनोम सिक्वेंसिंग का काम शुरू कर हो गया है. सैंपल्स की जांचें की जा रही हैं. इससे यह तुरंत पता चल सकेगा कि नया वेंरिएंट कौन सा है. उन्होंने कहा कि वेंरिएंट के अनुसार ही ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तय इलाज शुरू किया जा सकेगा. 

बच्चों के अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध
डॉ. शर्मा ने शनिवार को जयपुर के सेठी कॉलोनी स्थित एस आर गोयल (सेटेलाइट) हॉस्पीटल में तीसरी लहर से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों का निरीक्षण के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बच्चों के अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. 

ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सेटेलाइट अस्पताल में पीकू, नीकू और एसएनसीयू को मिलाकर 27 से 30 बैड हैं. आपातकाल में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल के रूप में बेड की संख्या बढ़ाकर 125 तक की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने का भी प्लांट लगाया जा रहा है. साथ ही 90 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी अस्पताल के लिए उपलब्ध कराए हैं. सेंट्रलाइज ऑक्सीजन प्लांट की लाइन अस्पताल में लगी हुई हैं और ऑक्सीजन की कोई कमी यहां नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री के निर्देशन में पहली और दूसरी वेव का मुकाबला किया उसी तरह तीसरी लहर से भी आमजन को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को किया जा रहा मजबूत
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश की 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को चिकित्सकीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है. इन्हें फंडिंग कर यहां 4-5 बेडेड आईसीयू, सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइपलाइन, ऑक्सीजन उत्पादन के प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि उन्हें स्थानीय स्तर इलाज मिल सके और जिला स्तर के अस्पातलों पर भार भी कम पड़े. राज्य में चिकित्सकीय आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के बेहतरीन प्रयास किए जा रहे हैं. 

वैक्सीनेशन और प्रबंधन में राजस्थान अव्वल
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन (Vaccination) और चिकित्सा संस्थानों के सुदृढ़ीकरण पर व्यापक स्तर पर काम कर रही है. प्रदेश के शुक्रवार को 10 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया. राजस्थान न केवल वैक्सीनेशन में देश भर में अव्वल है बल्कि कोरोना प्रबंधन में अन्य राज्यों के लिए प्रेरणीय रहा है. विभाग ने 15 लाख से ज्यादा वैक्सीनेशन प्रतिदिन करने के क्षमता हासिल कर ली है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगा चुके हैं. यदि केंद्र सरकार लगातार वैक्सीन उपलब्ध कराती है तो प्रदेशवासियों का समयबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन किया जा सकेगा. 

आत्मअनुशासन से ही बचाव संभव
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बेहतर कोरोना प्रबंधन का ही नतीजा है कि प्रदेश में दो दिन से मृत्यु का आंकड़ा जीरो रहा है. प्रदेश की रिकवरी रेट भी 98.81 हो गई है, साथ ही एक्टिव केसेज लगभग 1700 रह गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना कमजोर जरूर हुआ है लेकिन गया नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेविहेवियर में थोड़ी सी भी लापरवाही तीसरी लहर की वजह बन सकती है. 

उन्होंने तीसरी लहर से बचने के लिए प्रदेशवासियों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने, मास्क पहनकर बाहर जाने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि केवल आत्मअनुशासन को अपनाकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है. 

 

Trending news