Jaipur News: राज्य सरकार खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं. राज्यभर में खनिज क्षेत्रों में 600 से ज्यादा शिविर लगाकर करीब 20,000 श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की गई है.
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Jaipur: राज्य सरकार खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं. राज्यभर में खनिज क्षेत्रों में 600 से ज्यादा शिविर लगाकर करीब 20,000 श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की गई है. श्रमिक जागरूकता के तहत राज्य सरकार की ओर से खनन सुरक्षा ससाधनों के उपयोग के प्रति प्रेरित करने, मास्क आदि आवश्यक किट का वितरण और सिलिकोसिस जैसी बीमारी के लक्षण दिखने पर वित्तीय सहायता और ईलाज की व्यवस्था करवाई जा रही है.
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने 18 नवंबर को समीक्षा बैठक में फील्ड अधिकारियों को प्रदेश में खान सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए थे. प्राथमिक सूचना के अनुसार माइंस विभाग ने अप्रैल से अब तक करीब 600 स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाकर लगभग 20 हजार श्रमिकों को लाभान्वित किया जा चुका है. इसके साथ ही 325 से अधिक जागरुकता शिविरों का अयोजन किया गया है. विभाग के निर्देशों के क्रम में फील्ड अधिकारियों द्वारा अभियान चलाकर स्वास्थ्य परीक्षण और जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा ह.
साथ ही डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिला स्तर पर गठित डीएमएफटी फण्ड से जिला कलक्टरों के माध्यम से सिलिकोसिस पीड़ितो को वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध कराया जा रहा है. राज्य में स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन में भीलवाड़ा वृत पहले और जयपुरवृत दूसरे स्थान पर है. वहीं सुरक्षा उपकरणों के वितरण में उदयपुर वृत आगे हैं. शिविरों में स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही वेट ड्रिलिंग, डस्ट मास्क का उपयोग, चौपड़ जांच, मास्क वितरण व खनन कार्य करते समय आपश्यक सावधानियों से भी श्रमिकों को अवेयर किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि विभाग के सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र के खनन क्षेत्रों का सघनता से दौरा करें और परस्पर सहयोग और समन्वय से अधिक से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कराएं. जयपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनू, दौसा और टोंक में 119 शिविर किए गए हैं. जयपुर में सर्वाधिक 116 शिविर आयोजित किए गए हैं. आपको बता दें कि भीलवाड़ा में 170 शिविर आयोजित कर खनन श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है. भीलवड़ा वृत में सर्वाधिक 199 शिविर आयोजित किए गए हैं. बीकानेर वृत में 71 शिविर आयोजित किए गए हैं. कोटा भरतपुर 8 शिविर ही आयोजित किए गए हैं. अजमेर और नागौर में 38 शिविर लगाए गए.
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