राज्य सरकार द्वारा बिना एनबीडब्ल्यूएल की अनुमति लिए अभ्यारण्य क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन कार्य की मंजूरी देना गलत व सुप्रीम कोर्ट आदेशों का उल्लंघन है इसलिए बिना एनबीडब्ल्यूएल की अनुमति के खान संचालन करने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.
Trending Photos
Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरिस्का अभ्यारण्य के दस किलोमीटर के दायरे में नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ से अनुमति लिए बिना वाणिज्यिक खनन की मंजूरी देने से जुड़े मामले में राज्य के खान व पेट्रोलियम सचिव, प्रमुख पर्यावरण सचिव, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव व चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश रामस्वरूप जांगिड की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 25 अगस्त व 9 सितंबर को आदेश जारी कर पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे राष्ट्रीय अभ्यारण्य के दस किमी के दायरे में एनबीडब्ल्यूएल की अलग से स्वीकृति लिए बिना खानों के संचालन यानि सीटीओ के नवीनीकरण की कार्रवाई करें.
यह भी पढ़ेंः Diwali 2022: दिवाली से पहले जोधपुर में जमकर लोग खा रहे पटाखें, रुपयों की परवाह नहीं
जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गोवा फाउंडेशन बनाम केंद्र सरकार के मामले में कहा है कि राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण्य के दस किमी के दायरे में माइनिंग करने के लिए एनबीडब्ल्यूएल की अनुमति लेना जरूरी है.
ऐसे में राज्य सरकार द्वारा बिना एनबीडब्ल्यूएल की अनुमति लिए अभ्यारण्य क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन कार्य की मंजूरी देना गलत व सुप्रीम कोर्ट आदेशों का उल्लंघन है इसलिए बिना एनबीडब्ल्यूएल की अनुमति के खान संचालन करने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.
Reporter- Mahesh Pareek