Jaipur- गर्मियों से पहले जयपुर की आबादी को बड़ी राहत मिली है. पिंक सिटी की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर प्रोजेक्ट का गर्मियों से पहले शटडाउन नहीं होने की बात कही गई है. बीते डेढ़ साल से जयपुर की जनता को बार बार पेयजल की समस्या से जूझना पड़ा. इसकी सबसे बड़ी वजह बीसलपुर की बेकाबू बीमारी थी.
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Jaipur- गर्मियों से पहले जयपुर की आबादी को बड़ी राहत मिली है. पिंक सिटी की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर प्रोजेक्ट का गर्मियों से पहले शटडाउन नहीं होने की बात कही गई है. इसके लिए जिम्मेदार इंजीनियर्स ने पूरी लाइन का निरीक्षण भी कर लिया है .ऐसे में यही उम्मीद कर सकते है कि आने वाले दिनों में बीसलपुर लाइन फिर से बेकाबू ना हो.
क्या बीसलपुर की बेकाबू बीमारी पर लगा लगाम..?..क्या गर्मियों से पहले बीसलपुर का नहीं होगा शटडाउन..? क्या जयपुर की 40 लाख आबादी को मिल गई राहत..? गर्मियों से पहले बीसलपुर की लाइन से ये सवाल इसलिए निकलकर सामने आ रहे है,क्योंकि बीते डेढ़ साल से जयपुर की जनता को बार बार पेयजल की समस्या से जूझना पड़ा. इसकी सबसे बड़ी वजह बीसलपुर की बेकाबू बीमारी थी.
तत्कालीन इंजीनियर्स की घटिया मॉनिटरिंग के कारण बार- बार बीसलपुर का शटडाउन लेना पड़ा. पिछले डेढ़ साल में 10 से 12 बार बीसलपुर की परियोजना आईसीयू में चली गई. इसलिए गर्मियों से पहले जयपुर की लाइफ लाइन का ख्याल रखना बहुत जरूरी होगा. इसके लिए चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया और एडिशनल चीफ अमिताभ शर्मा ने बालावाला से बीसलपुर तक लाइन का निरीक्षण किया.
इस दौरान इसमें कोई बड़ी खामी नहीं मिली. फिलहाल, गर्मियों से पहले बीसलपुर प्रोजेक्ट का कोई शटडाउन प्रस्तावित नहीं है, हां यदि बीसलपुर को कोई नहीं बीमारी लग जाए तो उसका तो विभाग को पता नहीं. हालांकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जयपुर बीसलपुर प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए है.उन्होंने कहा है कि स्कीम्स बना ली जाती है,लेकिन इनसे पानी नहीं मिलता तो योजनाओं का क्या फायदा?
शटडाउन कब | कितना अमृत बर्बाद |
जनवरी 2023 | 45 एमएलडी |
फरवरी 2023 | 60 एमएलडी |
मई 2023 | 45 एमएलडी |
जून 2023 | 50 एमएलडी |
24 अगस्त 2023 | 50 एमएलडी |
अक्टूबर 2023 | 50 एमएलडी |
जनवरी 2024 | 50 एमएलडी |
लेकिन, इतने पानी की बर्बादी के बाद भी अब तक जलदाय विभाग ने तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सतीश जैन और जिम्मेदार जीसीकेसी फर्म पर कार्रवाई नहीं की. उल्टा सतीश जैन को अजमेर प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दे दी.जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने अधीक्षण अभियंता सतीश जैन को जयपुर बीसलपुर प्रोजेक्ट के लिए क्लास लगाई थी.उन्होंने कहा था कि टीएम-1 और टीएम 2 से पानी के लिए बार बार बहानेबाजी की जा रही है. स्कीम्स बना ली जाती है,लेकिन इससे पानी आ नहीं रहा.
इस प्रोजेक्ट के रखरखाव के लिए सरकार जीसीकेसी फर्म को सालाना 6 करोड़ का भुगतान करती है. इसलिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई जरूर होनी चाहिए, ताकि फिर से इतनी बड़ी लापरवाही और खामी बीसलपुर प्रोजेक्ट पर ना हो.