300 साल पुराने मंदिर तोड़ेने पर राजेंद्र राठौड़ भड़के- कलेक्टर कांग्रेस प्रवक्ता वाला काम नहीं करें
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300 साल पुराने मंदिर तोड़ेने पर राजेंद्र राठौड़ भड़के- कलेक्टर कांग्रेस प्रवक्ता वाला काम नहीं करें

अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान के नाम पर 300 साल पुराना मंदिर तोड़े जाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार को घेरने के लिए और ज्यादा मुखर हो गई है। प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजगढ़ नगर पालिका में भले बीजेपी का बोर्ड हो, लेकिन बीजेपी का बोर्ड मास्टर प्लान में बदल

 300 साल पुराने मंदिर तोड़ेने पर राजेंद्र राठौड़ भड़के- कलेक्टर कांग्रेस प्रवक्ता वाला काम नहीं करें

जयपुर: अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान के नाम पर 300 साल पुराना मंदिर तोड़े जाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार को घेरने के लिए और ज्यादा मुखर हो गई है। प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजगढ़ नगर पालिका में भले बीजेपी का बोर्ड हो, लेकिन बीजेपी का बोर्ड मास्टर प्लान में बदलाव के लिए प्रस्ताव पारित कर चुका था.

विधायक जोहरी मीणा के लिए सरकार ने मंदिर तोड़ी- राठौड़

राठौड़ ने कहा कि राजगढ़ में गौरव पथ बनाने और पट्टों में आ रही समस्याओं के चलते, गोल चक्कर से भवानी सहाय की मूर्ति तक मास्टर प्लान में बदलाव के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से फैसला हुआ था. राठौड़ ने कहा कि यहां सड़क की चौड़ाई 60 की बजाय 30 फिट करने पर बात बनी थी. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि इस मामले में विस्तृत प्रस्ताव मास्टर प्लान में बदलाव के लिए नगर नियोजन विभाग को भेजा जाना था, लेकिन सरकार के एसडीएम ने स्थानीय विधायक जोहरी लाल मीणा के तुष्टिकरण के लिए मंदिर गिराने की कार्रवाई कर दी.

राजेंद्र राठौड़ ने कलेक्टर पर भी साधा निशाना
राजेंद्र राठौड़ ने अलवर कलेक्टर शिव प्रसाद नकाते को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कलेक्टर इस तरह का बयान दे रहे हैं कि कोई भी मूर्ति खंडित नहीं हुई है. राठौड़ ने कहा कि खंडित मूर्तियां सभी ने देखी है और उन मूर्तियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. राजेंद्र राठौड़ ने मूर्तियों पर ड्रिल मशीन और आरे चलाने पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कलेक्टर को नसीहत देते हुए कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता के रूप में काम ना करें.राठौड़ ने कहा कि राज आता जाता रहता है. अगर लोकतंत्र में अधिकारी यह सोचेंगे कि उनका राज हमेशा रहने वाला है तो यह भी संभव नहीं है. जन भावनाओं की अनदेखी करने वालों से समय आने पर बात की जाएगी.

धार्मिक चीजें हटाने की एक प्रक्रिया होती है, बिना सहमति नहीं हटाई जा सकती

मूर्तियों पर इससे पहले भी आरा चलाने के मामले में राजेंद्र राठौड़ से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि किसी भी विकास कार्य के लिए मंदिर या धार्मिक स्थल हटाने की एक प्रक्रिया होती है. उस प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मंदिर में बुलडोजर चलाने की जरूरत नहीं थी और ना ही मूर्तियों को आरे से काटा जाना चाहिए था. मूर्तियों को सम्मान के साथ दूसरी जगह स्थापित कराया जाना चाहिए था. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भले पूर्ववर्ती सरकार के समय भी बीजेपी के राज में मंदिर हटाए गए हों, लेकिन उस समय मेट्रो ट्रेन के काम के लिए मंदिर हटाए गए और उन्हें स-सम्मान पुनर्स्थापित भी कराया गया था. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बीजेपी धर्म स्थलों को हटाने और तोड़फोड़ करने के पक्ष में नहीं है.

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