हरमाड़ा में रॉयल्टी के नाम पर वसूली, लाल पर्ची का काला खेल
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हरमाड़ा में रॉयल्टी के नाम पर वसूली, लाल पर्ची का काला खेल

राजधानी जयपुर के हरमाड़ा में रॉयल्टी ठेकेदार सरकार को चूना लगा रहे हैं।ठेकेदार रॉयल्टी के नाम पर गेट पास लिखी हुई एक छोटी लाल पर्ची देकर ₹600 की अवैध वसूली ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों से कर रहे हैं. इसके विरोध में पत्थर की खानों से पत्थर लेकर आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने रॉयल्टी ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

हरमाड़ा में रॉयल्टी के नाम पर वसूली, लाल पर्ची का काला खेल

Chomu: राजधानी जयपुर के हरमाड़ा में रॉयल्टी ठेकेदार सरकार को चूना लगा रहे हैं।ठेकेदार रॉयल्टी के नाम पर गेट पास लिखी हुई एक छोटी लाल पर्ची देकर ₹600 की अवैध वसूली ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों से कर रहे हैं. इसके विरोध में पत्थर की खानों से पत्थर लेकर आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने रॉयल्टी ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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आज सुबह से ही ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने सड़क के किनारे हड़ताल शुरू कर दी. ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने रॉयल्टी ठेकेदारों पर अवैध वसूली करने के आरोप लगाए हैं. इधर, इस पूरे मामले को लेकर ठेकेदार यह कर्मचारी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. इधर, ठेकेदारों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो फोन नहीं उठाया. खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की पर्ची पूरी तरह से फर्जी है और रॉयल्टी के लिए खनिज विभाग लाल रंग की बुक जारी करता है, जिस पर सीरियल नंबर होता है. साथ ही रॉयल्टी वसूल करने वाली फर्म का नाम भी होता है. टीवी स्क्रीन पर आपको 2 पर्ची भी हम दिखा रहे हैं. एक बड़ी लाल रंग की पर्ची है, जो खनिज विभाग द्वारा रॉयल्टी ठेकेदार को जारी की जाती है. दूसरी पर्ची मनमर्जी से ठेकेदार छपवा कर सरकार को चूना लगा रहा है.

हरमाड़ा में गेट पास के नाम पर जो वसूली की जा रही है, यह पूर्णतया अवैध है. इधर, ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने कहा कि इस पर्ची को ना तो खनिज विभाग मान रहा है और ना परिवहन विभाग. उन्होंने कहा कि ई रवन्ना की पर्ची भी उन्हें कांटे पर नहीं दी जा रही है. ई रवन्ना की पर्ची के लिए वेबसाइट खराब होने की बात कही जाती है. इधर ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने कहा कि यदि अवैध वसूली नहीं रुकती है तो वे आंदोलन करेंगे.

रॉयल्टी के नाम पर हो रही इस वसूली के बाद जो पत्थर की टोली 1800 रुपए में मिलती थी. अब उसी ट्रॉली की कीमत करीब 2400 रुपये हो गई तो ऐसे में आम आदमी पर भार बढ़ गया. इधर, ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों के सामने भी रोजगार का संकट खड़ा हो. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस खबर को देखने के बाद क्या खनिज विभाग कोई कार्रवाई करता है या फिर यह अवैध वसूली यूं ही चलती रहती है.

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