राजस्थान में पेयजल सप्लाई, जेजेएम प्रोजेक्ट और दूसरे प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग जाएगा. यदि मांगे नहीं मानी तो एक सप्ताह बाद 25 अप्रैल को प्रदेश की पेयजल सप्लाई बाधित हो जाएगी.
Trending Photos
Jaipur: राजस्थान में पेयजल सप्लाई, जेजेएम प्रोजेक्ट और दूसरे प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग जाएगा. यदि मांगे नहीं मानी तो एक सप्ताह बाद 25 अप्रैल को प्रदेश की पेयजल सप्लाई बाधित हो जाएगी. राजस्थान के जलदाय विभाग के कॉन्ट्रेक्टर्स को सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी तो सभी प्रोजेक्ट और पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी.
यह भी पढ़ें: राजस्थान में क्यों बहाल की गई पुरानी पेंशन योजना? सीएम अशोक गहलोत ने बताई ये बड़ी वजह
रूस और रूकेन युद्ध के बाद पूरे देश में महंगाई बढ़ती जा रही है. जिसके कारण सभी मेटेरियल की दरों में लगातार उछाल आ रहा है. डीजल-पेट्रोल की बढ़ी हुई दरों के साथ बाजार में मेटेरियल की दरों में 60 से 120 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है, जिस कारण रेट बढ़ने से कॉन्टेक्टर पर लगातार भार बढ़ता जा रहा है. संवदेकों को पुरानी रेट्स पर काम करना पड़ रहा है. जबकि इस अप्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए फोर्स मजर क्लॉज के तहत वर्तमान बाजार में बढ़ी दरों का आकंलन करते हुए महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकार द्धारा सभी अनुबंधों में दरों को बढ़ाया है, लेकिन राजस्थान सरकार ने अब तक दरों को नहीं बढ़ाया गया, जिसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान के जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है. जेजेएम चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल का कहना है कि इस सबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा जा चुका है, जल्द ही समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी.
संवेदकों की मांग है कि जलदाय विभाग द्धारा अनुबंधों की समय सीमा 6 महीने बढ़ाया जाए. ताकि पहले ही स्टील, सीमेंट, बजरी, लेबर की कमी, डीआई और एचडीपीई पाइपों की दरों में अत्याधिक वृद्धि की मार झेल रहे प्रदेश के संवदेक कार्यों में देरी के चलते पैनल्टी की मार से बचते हुए तेजी से कार्यों को पूरा कर सके. ऑल राजस्थान पीएचईडी कॉन्ट्रेक्टर यूनियन के संभाग अध्यक्ष सतीश दाधीच का कहना है कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो पीएचईडी कॉन्ट्रेक्टर्स 25 अप्रैल को सभी काम बंद देंगे.
कॉन्ट्रेक्टर केदार मीणा का कहना है कि इसके साथ साथ कॉन्ट्रेक्टर्स की मांग है कि वेंडर और क्यूएपी को समाप्त करने, विभाग द्धारा ड्राइंग डिजाइन के आदेश को वापिस लेने की मांग की है, लेकिन यदि कॉन्टेक्टर्स 25 अप्रैल से पेयजल सप्लाई और दूसरे प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगाने है तो भीषण गर्मी में राजस्थान जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.