Sachin Pilot News : जाट बाहुल्य इलाके में 16 जनवरी से सचिन पायलट का जनसंपर्क, अपनी जमीन पुख्ता करने की तैयारी
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Sachin Pilot News : जाट बाहुल्य इलाके में 16 जनवरी से सचिन पायलट का जनसंपर्क, अपनी जमीन पुख्ता करने की तैयारी

Sachin Pilot News : राजस्थान(Rajasthan) में मकर संक्रांति(Makar Sankranti2023) के बाद एक बार फिर से प्रदेश कांग्रेस में घमासान दिख सकता है. 16 जनवरी से सचिन पायलट जाट बाहुल्य इलाकों में जनसंपर्क और सभाएं करने जा रहे हैं. जबकि प्रदेश कांग्रेस(rajasthan congress) की तरफ से आगामी विधानसभा चुनाव(rajasthan election 2023) को लेकर हाथ से हाथ मिलाओं अभियान की तैयारी जारी है. ये वहीं अभियान है जिससे जुटी बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और अशोक गहलोत(ashok gehlot) ने सचिन पायलट(sachin pilot) के नहीं पहुंचे पर तीखी टिप्पणी की थी.

Sachin Pilot News : जाट बाहुल्य इलाके में 16 जनवरी से सचिन पायलट का जनसंपर्क, अपनी जमीन पुख्ता करने की तैयारी

Sachin Pilot News : 12 जनवरी 2023 को सचिन पायलट ने ट्ववीटर पर एक ट्वीट किया.  जिसमें राजस्थान के मैप को दिखाते हुए. उनके 16 जनवरी से शुरु होने वाले जनसंपर्क को दिखाया गया है. 

ये ट्ववीट इस लिए भी खास था. क्योंकि ये सभी इलाके जाट बाहुल्य हैं. जहां सचिन पायलट 16 जनवरी से सक्रिय दिखेंगे. आपको बता दें कि साल 2003 और 2013 के विधानसभा चुनाव में इन इलाकों में कांग्रेस को करारी हार मिली थी . लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने इस गढ़ को फिर से हासिल किया था.

सचिन पायलट का झूंझनू, नागौर, हनुमानगढ़, पाली और जयपुर से जनसभाओं की शुरुआत करना बहुत सोचा समझा फैसला है. क्योंकि प्रदेश की करीब 60 सीटें जाट बाहुल्य मानी जाती है. पिछले चुनाव में 31 उम्मीदार ऐसे थे जो जाट समाज से जीते थे.

कुलमिलाकर राजस्थान में मकर संक्रांति के बाद एक बार फिर से प्रदेश कांग्रेस में घमासान दिख सकता है. 16 जनवरी से सचिन पायलट जाट बाहुल्य इलाकों में जनसंपर्क और सभाएं करने जा रहे हैं. जबकि प्रदेश कांग्रेस की तरफ से आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हाथ से हाथ मिलाओं अभियान की तैयारी जारी है. ये वहीं अभियान है जिसके लिए जयपुर में हुई बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के नहीं पहुंचने पर तीखी टिप्पणी की थी.

सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट इस मीटिंग की जगह दिल्ली में आलाकमान के साथ मीटिंग कर रहे थे. खैर ये समझा जा सकता है कि गद्दारी और वफादारी की बातों के बाद भी सचिन पायलट का पार्टी के हाथ से हाथ जोड़ों अभियान के इतर, 16 जनवरी से जनसंपर्क करना. बिना आलाकमान की जानकारी के संभव नहीं हैं. ऐसे में सचिन पायलट इन जनसंपर्कों के जरिए लोगों के बीच क्या अपनी पकड़ मजबूत कर पाएंगे और क्या इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर पड़ेगा. ये देखने वाली बात होगी.

Rajasthan Political Crisis : 16 जनवरी से सचिन पायलट की ताबड़तोड़ जनसभाएं, बस अब और इंतजार नहीं...

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