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Jaipur News : कांग्रेस और सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों की तरफ़ से 25 सितम्बर को दिये गए इस्तीफों के मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी किये हैं. कोर्ट की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष को भी इस मामले में नोटिस जारी करते हुए जवाब देने को कहा है. कोर्ट की पहल का बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वागत किया है. पूनिया ने कहा कि पिछले 4 साल से कांग्रेस का जो अंतकर्लह और अतंर्विरोध था, जिसकी परिणिति विधायकों के इस्तीफे से हुई और विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पीकर के घर पर व्यक्तिगत इस्तीफे दिए.
पूनिया ने कहा कि सामान्य तौर पर ऐसे इस्तीफों पर संज्ञान लिया जाता है, लेकिन स्पीकर उस पर अनिर्णय की स्थिति में थे और न्यायालय को दखल करना पड़ा. पूनिया ने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की इस पीआईएल पर कोर्ट की पहल स्वागत योग्य तो है ही, लेकिन स्पीकर और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को भी यह सोचना है कि इन इस्तीफों से राजस्थान में जो अस्थिरता हुई है उसका क्या होगा?
पूनिया ने कहा कि मुझे लगता है जिस तरीके से इस्तीफा देने के बाद भी मंत्री और विधायक उसी तरीके से कामकाज कर रहे हैं, सरकारी दफ्तर चला रहे हैं और मंत्री तो तबादलों के आदेश भी कर रहे हैं, फाइलों पर साइन कर रहे हैं. पूनिया ने कहा कि इस्तीफ़ों के बाद भी सरकार चल रही है, यह सोचने वाली बात है.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के कुर्सी के किस्से ने राजस्थान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बनाया है. पूनिया ने कहा कि अब सभी को कोर्ट के अगले कदम का इन्तज़ार है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्पीकर को भी लोकतंत्र की मर्यादा में अक्षुण्णता के लिए निश्चित रूप से विचार करना चाहिए.
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