राजस्थान में बालिका शिक्षा (Girl Education) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से आधा दर्जन योजनाएं सरकार की ओर से चलाई जा रही है.
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Jaipur : राजस्थान में बालिका शिक्षा (Girl Education) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से आधा दर्जन योजनाएं सरकार की ओर से चलाई जा रही है. चाहे लैपटॉप वितरण योजना हो या फिर साइकिल और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना हो. कोरोना के चलते पिछले डेढ़ सालों से इन योजनाओं को ब्रेक लगे हुए हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus) कम करने के साथ ही एक बार फिर से इन योजनाओं को शिक्षा विभाग की ओर से पटरी पर लाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार और शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से करीब आधा दर्जन महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन इनमें से तीन योजनाएं सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. 8वीं कक्षा पास करके 9वीं में आने वाली छात्राओं को साइकिल वितरण, हर साल बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाली करीब 28 हजार छात्राओं को लेपटॉप वितरण और 10वीं, 12वीं में 75 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को गार्गी और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना.
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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाएं
कोरोना के चलते योजनाओं पर लगा हुआ है ब्रेक
दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ अब कवायद की गई शुरू
पिछले दिनों बालिकाओं को स्कूटी वितरण का कार्य किया गया पूरा
अब साइकिल, लेपटॉप और प्रोत्साहन पुरस्कार पर मंथन शुरू
तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर विभाग ने मंथन किया शुरू
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) का कहना है कि "मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार बालिकाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी. 8वीं पास कर 9वीं में आने वाली छात्राओं को साइकिल वितरण योजना पर काम शुरू कर दिया गया है और जल्द ही साइकिल वितरण किया जाएगा. करीब 4 लाख छात्राओं को साइकिलों का वितरण होना है, तो वहीं हर साल करीब 28 हजार छात्राओं को लेपटॉप वितरण योजना है जिसको लेकर भी मंथन शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही छात्रवृत्ति वितरण को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं."
हर साल 75वीं फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाली 10वीं की छात्राओं को गार्गी पुरस्कार और 12वीं की छात्राओं को बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाता है, लेकिन इस साल विद्यार्थियों को प्रमोट करने के चलते छात्राओं की संख्या इतनी ज्यादा है कि सरकार का बजट गड़बड़ा रहा है. 2021 की बात की जाए तो 97 हजार 676 छात्राओं को गार्गी पुरस्कार और 80 हजार 316 छात्राओं को बालिका पुरस्कार योजना के तहत क्रमशः 12 हजार और 5 हजार रुपये वितरित किए गए थे, लेकिन इस साल इन छात्राओं की संख्या करीब 5 लाख तक पहुंच चुकी है.
गार्गी पुरस्कार, बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना बनी समस्या
इस साल 10वीं 12वीं विद्यार्थियों को किया गया प्रमोट
10वीं, 12वीं की करीब 5 लाख छात्राओं के 75 फीसदी से ज्यादा अंक
पिछले साल करीब 1 लाख 80 हजार छात्राओं को मिला था लाभ
ऐसे में इस साल शिक्षा विभाग के पास बजट को लेकर खड़ी हुई समस्या
योजना को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि "इस साल विद्यार्थियों को प्रमोट करने के चलते 10वीं और 12वीं का परिणाम रहा 99 फीसदी से ज्यादा, ऐसे में करीब 5 लाख छात्राओं ने 75 फीसदी से ज्यादा अंक किए प्राप्त. इसको लेकर अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की जा रही है चर्चा, ये एक टेक्निकल इश्यू है जिसका जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा. इसके साथ ही बजट का जो प्रावधान है उसको लेकर भी की जाएगी चर्चा,,लेकिन किसी भी बालिका को मिलने वाली योजना पर नहीं लगेंगे ब्रेक."
बहरहाल, 1 सितम्बर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलने जा रहे हैं, ऐसे में बालिकाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ देने के लिए विभाग की ओर से त्वरित गति से काम किया जा रहा है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले डेढ़ साल से जो पेंडेंसी बढ़ी है उनको निपटाना भी शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
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